SC Ayodhya Ram Mandir Trust Order: सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या में राम मंदिर बनाने का फैसला- केंद्र सरकार तीन महीने में ट्रस्ट बनाए, ट्रस्ट बनाए रामलला का मंदिर

SC Ayodhya Ram Mandir Trust Order: अयोध्या राम जन्मभूमि विवादित मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन का मालिकाना हक रामजन्मभूमि न्यास को दिया है. साथ ही केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए 3 महीनों के भीतर ट्रस्ट का गठन करने का आदेश दिया है. साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन मुहैय्या कराने को कहा है.

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SC Ayodhya Ram Mandir Trust Order: सुप्रीम कोर्ट का अयोध्या में राम मंदिर बनाने का फैसला- केंद्र सरकार तीन महीने में ट्रस्ट बनाए, ट्रस्ट बनाए रामलला का मंदिर

Aanchal Pandey

  • November 9, 2019 11:43 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

SC Ayodhya Ram Mandir Trust Order: अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट विवादित जमीन का मालिकाना हक राजन्मभूमि न्यास को दिया है. साथ ही केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने के भीतर ट्रस्ट का गठन करने का आदेश दिया है. ट्रस्ट मंदिर निर्माण के नियम बनाएगा.  इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अयोध्या में ही अलग 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है. बता दें सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से ये फैसला सुनाया है.

बता दें कि निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही पक्षकार माना. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा विवादित जमीन को तीन पक्षों में बांटने के फैसले को अतार्किक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट में आखिर में फैसला रामलला विराजमान के पक्ष में सुनाया. साथ ही कोर्ट ने आगे कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अयोध्या में ही कहीं 5 एकड़ की जमीन दी जाए. साथ ही केंद्र सरकार को कोर्ट ने आदेश दिया है कि वह मंदिर निर्माण के लिए 3 महीनों के भीतर ट्रस्ट का गठन करे. कोर्ट ने इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व देने का आदेश हुआ है.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसले में कहा कि टाइटल सिर्फ आस्था से साबित नहीं होता है. 1856-57 तक विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने के सबूत नहीं है. हिंदू इससे पहले अंदरुनी हिस्से में भी पूजा करते थे. हिंदू बाहर सदियों से पूजा करते रहे हैं. सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में कहीं और 5 एकड़ की जमीन दे दी जाए. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने आखिर में 2.77 एकड़ जमीन का मालिकाना हक रामलला विराजमान को दे दिया. कोर्ट ने आगे कहा कि हर मजहब के लोगों को संविधान में बराबर का सम्मान दिया गया है.

विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला विराजमान को देने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसला में कहा कि 16 दिसंबर 1949 तक नमाज पढ़ी गई थी. टाइटल सूट नंबर 4 और 5 में हमें संतुलन बनाना होगा. हाई कोर्ट ने जो तीन पक्ष माने थे, उसे दों हिस्सों में मानना होगा. कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा जमीन को तीन हिस्सों में बांटना तार्किक नहीं था. इससे साफ हो गया कि मामले में अब रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड दो पक्ष ही रह गए.

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