SBI Loan To Defaulter Nitin Sandesara: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कंसोर्टियम द्वारा लोन डिफॉल्टर घोषित किए जा चुके स्टर्लिंग ग्रुप के नितिन संदेसारा और चेतन संदेसारा को एसबीआई द्वारा ही 1,300 करोड़ रुपये का लोन देने के एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में एसबीआई का एक फेडरेशन जांच के घेरे में है. स्टेट बैंक ऑफ मैसूर का 81 करोड़ रुपये का लॉन नहीं चुकाने की वजह से स्टर्लिंग ग्रुप के मालिक नितिन और चेतन संदेसारा को लोन डिफॉल्टर घोषित किया गया था. वहीं बाद में एसबीआई द्वारा 1300 करोड़ रुपये का लोन देने में भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई के नियमों का उल्लंघन किया गया.
नई दिल्ली. SBI Loan To Defaulter Nitin Sandesara: लोन नहीं चुकाने की वहज से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक कंसोर्टियम से डिफॉल्टर घोषित किए जा चुके स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप के नितिन संदेसारा और चेदन संदेसारा को एसबीआई द्वारा ही 1,300 करोड़ रुपये लोन देने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने स्टर्लिंग ग्रुप को करीब 81 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जिसे नहीं चुकाने के बाद नितिन और चेदन संदेसारा को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया था. लेकिन बाद एसबीआई ने स्टर्लिंग ग्रुप को 1,300 रुपये का लोन दे दिया. दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक, जिस व्यक्ति या समुह को डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है, उसे कोई भी बैंक लोन नहीं दे सकता, लेकिन आरबीआई के नियमों की अनदेखी कर स्टर्लिंग ग्रुप को इतनी बड़ी राशि का लोन दिया गया.
मालूम हो कि स्टेट बैंक ऑफ मैसूर का फिलहाल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में ही विलय हो गया है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर ने नितिन और चेतन संदेसारा के स्टर्लिंग ग्रुप द्वारा लोन न चुकाने के बाद साल 2012 में कोर्ट को रुख किया और कोर्ट ने स्टर्लिंग ग्रुप के मालिक के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया. नितिन संदेसारा और चेतन संदेसारा पर 8,000 करोड़ रुपये की धांधली का आरोप है और ये दोनों देश से फरार है. स्टर्लिंग ग्रुप के मालिक के नाइजीरिया में छिपे होने की खबरें आती रहती हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में खुलासा हुआ है कि स्टर्लिंग ग्रुप और इसके मालिक नितिन संदेसारा और चेतन संदेसारा को लोन डिफॉल्डर घोषित किए जाने के बावजूद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एक फेडरेशन ने साल 2015 में स्टर्लिंग ग्रुप की कंपनी स्टर्लिंग ग्लोबल ऑयल रिसोर्सेज लिमिटेड को 1,300 करोड़ रुपये के लोन की मंजूरी दे दी जो कि स्टैंडबाई लेटर्ल ऑफ क्रेडिट के रूप में थी. एसबीआई द्वारा लोन देने में आरबीआई की शर्तों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया. अब इस मामले में जांच एजेंसी की नजर लोन मंजूर कराने वाले फेडरेशन में है और माना जा रहा है कि जांच में कई बड़े अधिकारी नप सकते हैं.