नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर गई हुई थीं, वहीं उन्होंने बेटी बचाओ का नारा गलत तरीके से लिख दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं इस मामले का वीडियो देखने के बाद, विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मंत्री की योग्यता पर सवाल उठाना शुरू […]
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर गई हुई थीं, वहीं उन्होंने बेटी बचाओ का नारा गलत तरीके से लिख दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं इस मामले का वीडियो देखने के बाद, विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मंत्री की योग्यता पर सवाल उठाना शुरू कर दिया.
वीडियो में देखा जा सकता है कि, महिला मंत्री व्हाइटबोर्ड पर देवनागरी लिपि में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा गलत तरीके से लिख दी. हालांकि इस वीडियो को देखने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता मिश्रा ने कहा कि, यह लोकतंत्र का दुर्भाग्य है कि, संवैधानिक पदों और बड़े विभागों के लिए जिम्मेदार लोगों को अपनी मातृभाषा ठीक से नहीं आता है. वे अपना मंत्रालय कैसे चलाएंगे.
ये कैसा नेतृत्व …?? क्या प्रधानमंत्री @narendramodi जी को अपनी सरकार में सिर्फ #Rubber_Stamp मंत्री ही चाहिए?
जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए इसका कोई मापदंड तो तय नहीं है, पर कम से कम उसे अक्षरज्ञान तो होना ही चाहिए!#धार की #सांसद और केंद्रीय मंत्रिमंडल में महिला एवं बाल विकास… pic.twitter.com/n3TIx0RYs3
— Umang Singhar (@UmangSinghar) June 19, 2024
उन्होंने कहा कि चुनावों में उम्मीदवारों की, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय करने के लिए संविधान में बदलाव करना चाहिए. मध्य प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार मिश्रा ने कहा कि, एक तरफ देश के नागरिकों के साक्षर होने का दावा किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार लोगों में देखा जाए तो साक्षरता की कमी है. तो आखिर सच क्या है? यह किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि ये जो मुद्दा है, वो व्यवस्था से जुड़ा है.
धार जिले के बीजेपी अध्यक्ष मनोज सोमनी ने आरोप लगाया है कि, स्कूल चलो अभियान के दौरान जल्दबाजी में महिला मंत्री की गलती हुई थी, जिस वीडियो पर कांग्रेस ने हंगामा किया, हालांकि ये हंगामा उनकी “क्षुद्र और आदिवासी विरोधी सोच” को दर्शाता है.
उन्होंने आगे कहा कि, सावित्री जी की भावनाएं और संवेदनाएं पवित्र हैं, लेकिन कांग्रेस की जो भावनाएं पवित्र नहीं है, क्योंकि वो पवित्र नहीं रख पा रहे है. अगर आदिवासी महिला का अपमान होगा, तो आदिवासी समाज माफ नहीं करेगा. कांग्रेस आदिवासी महिला के बढ़ते कद को देख तो रही हैं, लेकिन उन्हें पच नहीं रही है.
धार जिले आदिवासी नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने भी अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया है. वहीं पोस्ट में उन्होंने ठाकुर पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि, यह कैसा नेतृत्व है? क्या पीएम मोदी अपनी सरकार में केवल रबर स्टाम्प को ही रखना चाहते है? जनप्रतिनिधि कैसा होना चाहिए, इसके लिए कोई मानक नहीं हैं, लेकिन कम से कम उन्हें पढ़ा लिखा होना जरूरी है. बता दें कि सिंघार ने सवाल उठाया कि, सावित्री जी सांसद और केंद्रीय मंत्री है.
हालांकि ये पद होने के बाद भी वो दो शब्द भी ठीक से नहीं लिख पाती हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, बच्चों ने जब उन्हें गलत लिखते हुए देखा होगा, तो बच्चे क्या सोचे होंगे. केंद्र सरकार में वह किस तरह का नेतृत्व देंगी, इसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है. ऐसे जनप्रतिनिधि को चुनने से पहले मतदाताओं को इस पर सोचना चाहिए था.
सिंघार ने आगे कहा कि, मोदी सरकार भी ऐसे पढ़े-लिखे नेता नहीं चाहती है, जो बाद में सवाल उठाएं, क्योंकि शिक्षा केवल साक्षरता नहीं देती, बल्कि समाज के लोगों का सोच भी बदलती है.