एससी/एसटी एक्ट पर अध्यादेश लाने, यूजीसी नोटिफिकेशन वापस लेने जैसी कई मांगों के साथ धरने पर बैठे लोगों को दिल्ली पुलिस ने शाम को हिरासत में ले लिया. उन्हें संसद मार्ग थाना में रखा गया है. थाने पहुंचे उनके समर्थकों का कहना है कि पुलिस किसी को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं दे रही.
नई दिल्ली. अपनी मांगों के साथ शास्त्री भवन, सेंट्रल सेक्रेटारिएट मेट्रो स्टेशन, गेट नंबर -2 पर प्रदर्शन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट नितिन मेश्राम, डीयू के प्रोफेसर राजकुमार, जेएनयू के छात्रों सहित कई लोगों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. ये सभी प्रदर्शनकारी संविधान बचाओ आंदोलन के तहत शुक्रवार सुबह से अपनी मांगों के साथ धरने पर बैठे थे. शाम पांच बजे के करीब सभी प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. बताया जा रहा है कि उन्हें संसद मार्ग थाने में रखा गया है. हालांकि बाद में रात करीब 8 बजे सभी को छोड़ दिया गया.
प्रदर्शनकारी यूनिवर्सिटी और कॉलेज स्तर पर नियुक्तियों में SC, ST, OBC रिजर्वेशन फिर से लागू करने, ऐसा होने तक देश भर में यूनिवर्सिटी और कॉलेज के एप्वांटमेंट रोकने. SC, ST एक्ट पर अध्यादेश लाने, उच्च न्यायपालिका में OBC, SC, ST आरक्षण का बिल संसद में लाने, 5 मई 2016 के यूजीसी नोटिफिकेशन वापस लेने और अगला लोकसभा चुनाव पेपर बैलेट पर कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने की घटना का प्रदर्शनकारियों ने फेसबुक लाइव किया है. इस फेसबुक लाइव में वे पुलिस से पूछ रहे हैं कि उन्हें किस कानून के तहत हिरासत में लिया जा रहा है. वीडियो में वे कहते नजर आ रहे हैं कि पुलिस हमें कारण तक नहीं बता रही है जबकि हमने किसी भी धारा का उल्लंघन नहीं किया है. इसके बाद थाने के अंदर से भी प्रदर्शनकारियों ने फेसबुक लाइव किया है. इसमें वे कह रहे हैं कि हमने पीने के लिए पानी मांगा तो वो भी नहीं दिया जा रहा. सभी डॉ. भीमराव अंबेडकर, बीपी मंडल, ज्योतिबा फूले जैसे दलित नायकों की तस्वीरें हाथ में लिए थाने में बैठे हैं.
23 अप्रैल से संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत करेंगे राहुल गांधी, दलित वोट बैंक पर रहेगी नजर