Satya Pal Malik: नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को सनसनीखेज दावा किया कि उन्हें संकेत दिया गया था कि अगर वो केंद्र के खिलाफ बोलना बंद कर दें तो उन्हें उपराष्ट्रपति बना दिया जाएगा। जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने पर मलिक ने कहा कि धनखड़ योग्य उम्मीदवार थे, उपराष्ट्रपति बनाने […]
नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को सनसनीखेज दावा किया कि उन्हें संकेत दिया गया था कि अगर वो केंद्र के खिलाफ बोलना बंद कर दें तो उन्हें उपराष्ट्रपति बना दिया जाएगा। जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने पर मलिक ने कहा कि धनखड़ योग्य उम्मीदवार थे, उपराष्ट्रपति बनाने ही चाहिए थे। मेरा कुछ कहना इसमें ठीक नहीं है। लेकिन मुझे पहले से इशारे थे कि आप नहीं बोलोगे तो आपको (उपराष्ट्रपति) बना देंगे। लेकिन मैं ये नहीं कर सकता। मैं जो भी महसूस करता हूं वो जरूर बोलता हूं।
राहुल गांधी की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर सत्यपाल मलिक ने झुंझुनू में मीडिया से कहा कि अपनी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं अच्छी बात है। वो नौजवान आदमी हैं, पैदल तो चल रहे हैं। आज कल तो नेता ये सब काम तो करते ही नहीं हैं। यात्रा के संदेश के बारे में उन्होंने कहा कि क्या संदेश जाएगा, मुझे नहीं पता। अब ये तो जनता बताएगी कि क्या संदेश गया लेकिन मुझे ये लगा कि ठीक काम कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले भी मलिक ने बड़ा बयान दिया था। गुरुवार को गांव मुढ़ी बकापुर में ग्राम दिवस समोराह के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम को मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने संबोधित करते हुए एमएसपी के मुद्दे पर किसानों की लड़ाई में साथ देने का वादा किया। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक चलाई जा रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर भी टिप्पणी की।
सत्यपाल मलिक ने भारत जोड़ो यात्रा पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शुभकामनाएं दी। मलिक ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए अग्निवीरों में देशभक्ति का जज्बा नहीं हो सकता। हालांकि इस दौरान मदरसों की जांच पड़ताल करने पर सत्यपाल मालिक का रुख सरकार के साथ दिखा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार मदरसों के विकास करने की मंशा रखती है तो जांच करने का फैसला बुरा नहीं है। गौरतलब है कि सत्यपाल मलिक तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू से ही मुखर रहे हैं। उन्होंने संवैधानिक पद पर रहते हुए भी किसानों की लड़ाई का समर्थन किया और मोदी सरकार के खिलाफ किसानों की लड़ाई में मुखरता से बोला था।
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