नई दिल्लीः बजट सत्र से पहले 11 राज्यसभा सांसदों का अनिश्चितकालीन निलंबन को वापस ले लिया गया है। हालाँकि, सदन की विशेषाधिकार समिति ने इन विपक्षी सदस्यों को विशेषाधिकार हनन और राज्यसभा की अवमानना का दोषी पाया था। सभापति ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए निलंबन रद्द कर दिया, ताकि सभी सांसद नए संसद […]
नई दिल्लीः बजट सत्र से पहले 11 राज्यसभा सांसदों का अनिश्चितकालीन निलंबन को वापस ले लिया गया है। हालाँकि, सदन की विशेषाधिकार समिति ने इन विपक्षी सदस्यों को विशेषाधिकार हनन और राज्यसभा की अवमानना का दोषी पाया था। सभापति ने अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए निलंबन रद्द कर दिया, ताकि सभी सांसद नए संसद भवन में राष्ट्रपति के ऐतिहासिक विशेष संबोधन में हिस्सा ले सकें। लोकसभा स्पीकर ने भी तीन सदस्यों का बेमियादी निलंबन वापस ले लिया। ये भी बजट सत्र में शामिल हो सकेंगे।
खबरों के अनुसार, समिति ने बीते मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि सदस्यों के निलंबन की अवधि को उनके आचरण के लिए पर्याप्त सजा माना जाए। इससे पहले, बजट सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा था कि राज्यसभा के 11 और लोकसभा के तीन सदस्यों ने अपने आचरण के लिए विशेषाधिकार समिति के सामने खेद जताया है। इसके बाद समिति ने निलंबन वापस लेने का अनुरोध किया है। सरकार ने सदस्यों के निलंबन वापसी के प्रस्ताव को राज्यसभा सभापति और लोकसभा स्पीकर को भेजे थे, जिसे उन्होंने मान लिया। गौरतलब है कि शीतसत्र में 146 सदस्यों का निलंबन हुआ था। इनमें लोकसभा के 101 व राज्यसभा के 45 सदस्य थे।
नीरज डांगी
डॉ. एल हनुमथैया
बिनॉय विस्वास
राजमणि पटेल
एम मोहम्मद अब्दुल्ला
कुमार केतकर
जेएम हिशाम
एए रहीम
जीसी चंद्रशेखर
संदोश कुमार पी
डॉ. जॉन बिटास
एए रहीम
विजय कुमार
अब्दुल खालिक
डॉ. जे जयकुमार
पिछले सत्र के दौरान सदन में तख्तियां लाने और संसदीय प्रक्रिया को बार-बार बाधित करने के लिए कुल 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। इनमें से 100 लोकसभा से और बाकी राज्यसभा से थे। इनमें से 14 मामलों को अधिक गंभीर उल्लंघन माना गया था। लोकसभा और राज्यसभा ने मिलकर 132 सदस्यों को शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए निलंबित कर दिया, जो 21 दिसंबर को समाप्त हुआ, और 14 सदस्यों के मामलों को उनकी संबंधित विशेषाधिकार समितियों को भेज दिया गया था।