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Sanjeev Balyan Exclusive: तीसरी बार जिताएगी जनता, बालियान ने खाप पंचायत पर कही बड़ी बात

नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। सभी राजनीतिक दल जनता को लुभाने में जुटे हुए हैं। इस चुनाव कुछ प्रत्याशी ऐसे हैं जो पहली बार चुना लड़ रहे हैं तो वहीं कुछ बड़े नाम भी हैं। इसी में से एक हॉट सीट मुजफ्फरनगर हैं, जहां से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान चुनावी मैदान में हैं। Inkhabar के साथ खास बातचीत में संजीव बालियान ने दावा किया कि जनता मोदी को तीसरी बार पीएम बनाना चाहती है। इस दौरान उन्होंने कई मुद्‌दों पर बात की। पढ़ें उनका पूरा इंटरव्यू-

सवाल- ये जो बिरादरी की पंचायतें हो रही हैं इस पर क्या कहेंगे?

जवाब- ये नया ट्रेंड है। हर जाति के संगठन बने हैंऔर वो रोज अलग-अलग पंचायते करते हैं। पता नहीं, आम जनता ने तो शायद अधिकार नहीं दिया इनको कि निर्णय उनका ले सकें। अधिकार तो आम जनता के पास है। ये अजीब सा कल्चर एक नया पैदा हो गया है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार मैं देख रहा हूं। मेरा निवेदन है कि सब अपना समर्थन व्यक्तिगत दें। कोई भी व्यक्ति छोटा होता है समाज बहुत बड़ा है, कोई भी व्यक्ति किसी समाज की पूरी जिम्मेदारी लेने की क्षमता नहीं रखता। आम व्यक्ति मोदीजी को तीसरी बा प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। ना जाति का चुनाव है, देश के मुखिया का चुनाव है, मुखिया कौन बनेगा। तो जाति का चुनाव है नहीं तो पता नहीं ये ट्रेंड क्यों हो रहा है।

सवाल- अगर जाति को एक तरफ रख दें तो अपनों से कैसी चुनौती है?

जवाब- होता रहता है राजनीति में ये तो चलता रहता है। कई बार ज्यादा हो जाता है, मतभेद होते रहते हैं। मतभेद सुलझ जाते हैं।

सवाल- क्या संगीत सोम जो कह रहे हैं, उसमें कोई दम है जो आपके ऊपर आरोप लगा रहे हैं?

जवाब- वो जनता बता देगी, मैं बताउंगा अपने मुंह से तो ठीक नहीं है। आप जाइए लोगों से पूछिए कि संजीव बालियान अपने क्षेत्र में कितना सक्रिय रहता है। शायद ही कोई किसी बात से नाराज हो सकता है मेरे से। लेकिन कोई ये नहीं कह सकता कि सांसद आया नहीं या सांसद पाया नहीं। ये सबके लिए लागू हो सकता है संजीव बालियान को लिए नहीं। साल में तीन-तीन चार चार बार दौरा करता हूं, सबसे मिलता हूं।

सवाल- टिकैत बंधु आपसे क्यों नाराज रहते हैं, जब भी आपका नाम लिया जाता है कन्नी काट जाते हैं?

जवाब- किसने कहा नाराज हैं। वो राजनीति है, व्यक्तिगत रूप से मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं। हमारे खाप चौधरी हैं, एक ही परिवार है हमारा तो नाराजगी कोई नहीं है। राजनीतिक हैं तो हो सकता है आपसे राजनीतिक बात कहने से बचते हों।

सवाल- पहला चुनाव आपने चार लाख वोटों से जीता था, दूसरी बार साढ़े छह हजार से जीते थे इस बार चुनौती बड़ी है क्योंकि सामने हरेंद्र सिंह हैं और जो पंचायते हैं, क्षेत्र में घूमने के बाद लगा कि चुनौती बढ़ी हुई है इस बार?

जवाब- पिछली बार बसपा भी उनके साथ थी इस बार अलग है। आरएलडी उधर थी अब रालोद मेरे साथ है। वहां सिर्फ सपा है, इधर बीजेपी और आरएलडी है। बसपा अलग लड़ रही है तो आप बताइए चुनौती घटी है कि बढ़ी है। मैं आपके ऊपर निर्णय छोड़ता हूं।

सवाल- ये जो पंचायतें लागातार हो रही हैं, आखिर ये किसके खिलाफ हो रही हैं?

जवाब- भाजपा को हराने का सबसे अच्छा तरीका, अगर ये फार्मूला तैयार होगा कि पूरे हिंदू समाज को जातियों में बांट दो तो कहीं भी नहीं जीत पाएंगे। एक जाति तो गांव का प्रधान भी नहीं बना सकती। अगर इससे सचमुच ही कुछ हो जाए तो सबसे आसान है कि भाजपा को कहीं भी हरा दो। इससे जमीन पर कोई फर्क नहीं पड़ता, आम व्यक्ति भाजपा को साथ है, मोदी जी के साथ है। इन पंचायतों से कोई फर्क नहीं पड़ता। जिस दिन वोटिंग होगी उस दिन देखना।

सवाल- सीधे राजपूत समाज पे आते हैं, जो कुछ गुजरात में हुआ उसका असर है या संजीव बालियान पर जो कुछ आरोप लगा उसका असर है?

जवाब- मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगा है। इस समाज ने दो बार मुझे सांसद बनाया है। जहां मेैं पैदा हुआ हूं वहां डिवीजन था, इनमें डिवीजन नहीं है। मैं बेहद सम्मान करता हूं। खूब सार्वजनिक काम भी किए हैं। किसी व्यक्ति से मतभेद हो सकते हैं। मैं राजपूत समाज का बहुत सम्मान करता हूं, ऐसा कोई नहीं कह सकता कि कोई सी बात हुई है कभी।

सवाल- सीएम योगी को क्यों मनाने के लिए आना पड़ा, क्यों विशेष रूप से अपील करनी पड़ी कुछ तो जमीन होगा तभी तो ऐसा हो रहा है?

जवाब- मेरे यहां मुख्यमंत्री योगी जी आए थे। योगी जी पिछले चुनाव में भी आए थे। ऐसा कुछ नहीं है मुख्यमंत्री हैं। चुनाव प्रचार में तो आएंगे पिछली बार भी आए थे। पिछली बार तो ये बात नहीं थी पिछली बार भी आए थे योगी जी। 2019 में वो दो सभाएं कर के गए थे।

सवाल- संजीव बालियान अपना मुकाबला किससे मानते हैं?

जवाब- ये तो कुछ पता नहीं। देखो कौन सा कितना वोट लेके जाएगा। ऊंच किस करवट बैठेगा ये बाद में पता लगेगा।

सवाल- यदि तीसरी बार आप जीतने में कामयाब हुए तो कौन सा काम अधूरा रह गया है जिसे पूरा करेंगे?

जवाब- दस साल लग गए यहां के बिजली-सड़क और पानी के मुद्दे सुलझाने में अभी ये हो चुके हैं अच्छी सड़के हैं, बिजली है 24 घंटे शहर में। पानी हर गांव तक पहुंच रहा है। अब शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार इन तीन क्षेत्रों में काम करना है। यूनिवर्सिटी नहीं है, सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है और नई इंडस्ट्री आए जिससे युवाओं के रोजगार मिले।

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Arpit Shukla

पत्रकारिता में 2 वर्ष का अनुभव। राजनीति, खेल और साहित्य में रुचि। twitter- @JournoArpit

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