जयपुर की रहने वाली संहिता अग्रवाल ने अपनी ही विधवा मां कि शादी करवाकर एक मिसाल पेश की है. समाज और परिवार के बावजूद ये कदम उठाकर संहिता ने एक मिसाल पेश की है.
जयपुर. जयपुर की रहने वाली संहिता अग्रवाल ने अपनी ही विधवा मां गीता अग्रवाल की दूसरी शादी करवाकर मिसाल कायम की है. ऐसी चीजों को समाज का साथ का साथ मिल पाना बहुत मुश्किल होता है. दरअसल साल 2016 में संहिता के पिता की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई थी. वहीं कुछ समय बाद संहिता को काम के कारण गुडगांव आना पड़ा. ऐसे में उनकी मां अकेली हो गईं. हालांकि संहित हर हफ्ते उनसे मिलने जाती थीं लेकिन बाकी वक्त उन्हें मां के अकेलेपन की चिंता सताती थी. ऐसे में उन्होंने तय किया कि वे अपनी मां का विवाह करवाएंगी. इसको लेकर संहिता ने मैट्रीमोनियल साइट पर अपनी मां की प्रोफाइल बनाकर अपना नंबर वहां डाल दिया. संहिता के अनुसार परिवार और समाज ने उनका समर्थन तो नहीं ही किया बल्कि विरोध जरूर किया लेकिन इसकी परवाह किए बिना उन्होंने अपनी मां के जीवन में रंग भरने का निर्णय किया.
मैट्रीमोनियल साइट के जरिए संहिता के पास इस रिश्ते के लिए बीते अक्टूबर में 55 वर्षीय कृष्ण गोपाल गुप्ता का फोन आया. गुप्ता बांसवारा में रिवेन्यू इंस्पेक्टर हैं. दो बेटों के पिता कृष्ण गोपाल की पत्नी की साल 2010 में कैंसर के कारण मौत हो गई थी. दूसरी शादी की सलाह के साथ दोस्तों ने मैट्रीमोनियल साइट पर उनका अकाउंट बना दिया था. संहिता ने सारी छानबीन के बाद तय किया कि कृष्ण गोपाल उनकी मां के लिए बिल्कुल सही मैच हैं. आखिरकार 31 दिसंबर को उन्होंने अपनी मां की उनसे शादी करवा दी. संहिता ने कहा कि वे अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान देखकर बहुत खुश है. संहिता के इस फैसले ने उनकी विधवा मां का जीवन में एक बार फिर रंग भर दिए.
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