कोलकाता: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में CBI ने 26 अप्रैल को अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी। जिसको लेकर टीएमसी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में टीएमसी ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की छवि को खराब करने के लिए यह छापेमारी की गई […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में CBI ने 26 अप्रैल को अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की थी। जिसको लेकर टीएमसी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में टीएमसी ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी की छवि को खराब करने के लिए यह छापेमारी की गई हैं।
टीएमसी ने मुख्य चुनाव अधिकारी को चिट्ठी लिखकर कहा कि पहले भी हमने आपका ध्यान इस ओर आकर्षित कराया था ताकि केंद्रीय जांच एजेंसियां विभिन्न राजनीतिक दलों के काम में बाधा न बन पाए। हालांकि बार-बार दरख्वास्त करने के बाद भी आपके कार्यालय ने अपनी आंखे बंद कर रखी है, जबकि केंद्रीय जांच एजेंसियां देश भर में कहर ढ़ा रही हैं, खासकर चुनाव के वक्त।
टीएमसी ने कहा कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट समेत तीन लोकसभा क्षेत्रों में वोटिंग के दौरान सीबीआई ने जानबूझकर संदेशखाली में एक खाली जगह पर छापेमारी की। मीडिया रिपोर्टों से मालूम पड़ता है कि सीबीआई ने NSG के बम दस्ते MCSL अतिरिक्त बलों को भी बुलाया है।
चिट्ठी में टीएमसी ने यह भी कहा है कि ‘कानून और व्यवस्था’ पूरी तरह से राज्य सरकार के डोमेन में आती है, लेकिन सीबीआई ने छापेमारी करने से पहले राज्य सरकार या पुलिस को कोई नोटिस नहीं जारी किया। इसके अलावा, अगर सीबीआई को सच में लगता है कि ऐसी छापेमारी के दौरान एक बम दस्ते की जरूरत थी तो राज्य पुलिस के पास एक पूरी तरह से काम करने वाला बम निरोधक दस्ता है जो पूरे ऑपरेशन में उनकी सहायता कर सकता था।
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