Sandeshkhali: संदेशखाली दौरे के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष का बयान, वहां राष्ट्रपति शासन लगे

नई दिल्लीः राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार यानी 19 फरवरी को बंगाल की ममता सरकार पर संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं की आवाज दबाने का आरोप लगाया, जहां सत्तारूढ़ टीएमसी नेताओं के कथित उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रपति शासन के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

महिलाएं अपने घरों से बाहर आए: रेखा शर्मा

रेखा शर्मा ने संदेशखाली में आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया और कहा कि उनकी यात्रा वहां की महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए थी ताकि उनमें से कई बाहर आएं और अपने मन की बात कहे। सीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि अगर टीएमसी नेता शाहजहां शेख को अरेस्ट कर लिया जाएगा, तो मेरा मानना है कि अधिक महिलाएं अपनी शिकायतों के साथ सामने आएंगी। बता दें कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में बड़ी संख्या में महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया है।

पुलिस कर्रवाई नहीं कर रहीः रेखा शर्मा

इससे पहले पांच जनवरी को राशन घोटाले के सिलसिले में उसके आवास की तलाशी लेने गए ईडी के अधिकारियों पर उसके समर्थकों ने हमला कर दिया था। महिला आयोग अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि न तो जिला मजिस्ट्रेट और न ही पुलिस अधीक्षक उनसे मिलने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस महिलाओं की शिकायतें नहीं सुन रहे हैं। केवल एक महिला ने सामने आकर मजिस्ट्रेट के सामने अपनी बात रखी है। शर्मा ने बताया कि हम पीडि़तों से बात करना चाहते हैं। उसके बाद बंगाल के राज्यपाल और फिर नई दिल्ली में राष्ट्रपति से मिलेंगे।

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