नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में महिलाओं के साथ उत्पीड़न को लेकर दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगा। याचिका में मामले की जांच और उसके बाद सुनवाई दूसरे राज्य में करने की मांग की गई है। साथ ही वकील आलोक अलख श्रीवास्तव की तरफ से दायर याचिका में संदेशखाली के […]
नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल के संदेशखाली गांव में महिलाओं के साथ उत्पीड़न को लेकर दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय सोमवार को सुनवाई करेगा। याचिका में मामले की जांच और उसके बाद सुनवाई दूसरे राज्य में करने की मांग की गई है। साथ ही वकील आलोक अलख श्रीवास्तव की तरफ से दायर याचिका में संदेशखाली के पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की गई है। वहीं अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से न निभाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ एक्शन लेने की बात भी कही गई है। मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ सुनवाई करेगी।
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की ओर से द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो या विशेष जांच दल से जांच की भी मांग की गई है। बता दें कि पश्चिम बंगाल का संदेशखाली बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में रहा है। टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर गांव की महिलाओं द्वारा दुष्कर्म का आरोप लगाया गया है, जिसके बाद से भाजपा और कांग्रेस ममता सरकार के खिलाफ आक्रामक हो गई है। इस बीच, बशीरहाट सबडिवीजन कोर्ट ने संदेशखाली में जमीन कब्जाने और महिलाओं के उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपियों में से एक शिबू हाजरा को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। तृणमूल कांग्रेस नेता शिबू हाजरा को एक दिन पहले ही अरेस्ट किया गया था।
संदेशखाली में जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक शिबू हाजरा आरोपी को शनिवार को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि मुख्य आरोपियों में शामिल शाहजहां शेख अब तक पता नहीं चला है। इसके साथ ही इस मामले में अरेस्ट लोगों की संख्या अब 18 हो चुकी है। बता दें कि पुलिस ने उत्तम सरदार और शिबप्रसाद हाजरा के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के प्रयास की दो धाराएं जोड़ी है।
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