सनातन विवाद पर उदयनिधि स्टालिन की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, सुप्रीम कोर्ट DMK नेता के खिलाफ दायर याचिका पर करेगा सुनवाई

नई दिल्ली: तमिलनाडु सरकार में मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन, ए राजा समेत कई पार्टी नेताओं के सनातन धर्म विरोधी बयानों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। इन सभी लोगों के खिलाफ दायर एक और याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। इस याचिका को वकील विनीत जिंदल ने दाखिल किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका को इसी मामले पर पहले से लंबित पड़े मामले के साथ जोड़ दिया है।

कोर्ट ने जारी किया था नोटिस

दरअसल, पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने चेन्नई के एक वकील बी जगन्नाथ की याचिका पर नोटिस जारी किया था। न्यायमूर्ति अनिरुद्धा बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया था। डीएमके नेता स्टालिन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान के बाद से ही काफी विवाद मचा हुआ है। स्टालिन के ऊपर कई जगह केस भी दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा भाजपा लगातार इस मुद्दे पर डीएमके को घेरने की कोशिश कर रही है।

क्या कहा था उदयनिधि स्टालिन ने

दरअसल, तमिलनाडु में एक कार्यक्रम के दौरान राज्य के युवा मामलों और खेल मंत्री उदयनिधि ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनका केवल विरोध करना काफी नहीं होता है। हमें उसे पूरी तरीके से खत्म करना होता है स्टालिन ने आगे कहा कि मच्छर, डेंगू, मलेरिया, कोरोना कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका हम सिर्फ विरोध नहीं जता सकते हैं, बल्कि हमें इनको हमेशा के लिए मिटाना होगा। उन्होंने कहा था कि सनातन भी ऐसा ही है।

बयान पर क्या बोले उदयनिधि

हालांकि, जब उनके इस बयान को लेकर विवाद बढ़ गया और भाजपा जैसी पार्टियां उनके ऊपर हमलावर होने लगीं, तो उन्होंने नरम रुख भी अपना लिया। उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने लोगों से ये नहीं कहा है कि सनातन धर्म का पालन करने वाले लोगों का नरसंहार किया जाए। उन्होंने कहा सनातन धर्म का सिद्धांत लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांटने वाला है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को जड़ से उखाड़ना समानता और मानवता को कायम करना है।

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