September 27, 2024
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समलैंगिक विवाह मामले में केंद्र की SC से मांग- राज्यों को भी बनाया जाए पक्षकार

समलैंगिक विवाह मामले में केंद्र की SC से मांग- राज्यों को भी बनाया जाए पक्षकार

  • WRITTEN BY: Riya Kumari
  • LAST UPDATED : April 19, 2023, 2:39 pm IST

नई दिल्ली: समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है जहां बुधवार (19 अप्रैल) को शीर्ष अदालत ने याचिकाओं पर दोबारा सुनवाई की. इस बीच केंद्र सरकार की ओर से मांग की गई है कि अदालत इस मामले में राज्यों को भी शामिल करें। इस दौरान केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि अदालत इस मामले में कोई भी फैसला करने से पहले केंद्र सरकार को समय दे कि वह राज्यों के साथ इस मामले में परामर्श करें.

परामर्श लेना आवश्यक

दरअसल समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को भी पक्षकार बनाने की मांग रखी गई है. वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में समवर्ती सूची में ‘विवाह’ को शामिल किया गया है इसलिए किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले सभी राज्यों से परामर्श लेना आवश्यक है. बता दें, समवर्ती सूची में उन मामलों को शामिल किया जाता है जो केंद्र और राज्य दोनों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं.

इसलिए की मांग

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने बताया है कि इस मामले में सभी राज्यों से परामर्श की कवायद शुरू कर दी है क्योंकि इस मामले के दूरगामी प्रभाव होने वाले हैं. इसलिए केंद्र सरकार द्वारा इस मुद्दे पर राज्यों को एक पक्ष बनाने की मांग की गई है. ऐसे में सभी राज्यों के संबंधित रुख को रिकॉर्ड में लिया जाएगा. साथ ही केंद्र द्वारा कहा गया है कि इस मुद्दे पर विशेष रूप से उनकी (राज्यों की) राय लिए बिना किसी भी निर्णय तक पहुंचना ‘अधूरा और छोटा’ होगा.

 

10 दिन में मांगा जवाब

इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने समलैंगिक विवाह यानी गे-मैरिज को कानूनी मान्यता देने की मांग के मामले में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है. जहां प्रदेशों के परामर्श की प्रक्रिया शुरू हो गई है. राज्य सरकारों से केंद्र सरकार ने 10 दिन के अंदर इस मामले पर उनकी राय भी मांगी है.

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