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वही पुरानी कहानी, मेरा राजा बहुत बुद्धिमान… बीजेपी में शामिल होते ही कांग्रेस पर बरसे किरण रेड्डी

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया। दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई। भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए रेड्डी ने अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस पर […]

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वही पुरानी कहानी, मेरा राजा बहुत बुद्धिमान… बीजेपी में शामिल होते ही कांग्रेस पर बरसे किरण रेड्डी
  • April 7, 2023 2:24 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया। दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने उन्हें भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई। भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद मीडिया से बात करते हुए रेड्डी ने अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान के गलत फैसलों की वजह से पार्टी राज्य दर राज्य कमजोर हो रही है। कांग्रेस का संगठन अब सिर्फ एक राज्य में नहीं बल्कि देश के लगभग सभी राज्यों में कमजोर हो गया है।

लोगों का मत नहीं समझ पा रही है कांग्रेस

भाजपा में शामिल होने के बाद किरण रेड्डी ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी लोगों का मत नहीं समझ पा रही है। कांग्रेस के नेता अपनी गलतियों का विश्लेषण नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग सोचते हैं कि मैं ही सही हूं और बाक सब गलत हैं। रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस वालों के लिए एक पुरानी कहानी है कि मेरा राजा बुद्धिमान है, वह अपने नहीं सोचता और न ही किसी का सुझाव मानता है। आप सभी को पता चल गया होगा कि मैं आपसे क्या कहना चाहता हूं।

इससे पहले 2014 में भी दिया था इस्तीफा

बता दें कि, ये पहली बार नहीं है जब किरण कुमार रेड्डी ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। इससे पहले साल 2014 में भी उन्होंने तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश को विभाजित करने के फैसले के विरोध में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था। बाद में उन्होंने अपनी खुद की पार्टी जय समैक्य आंध्र’ बनाई थी, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में जब उनकी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी तो उन्होंने फिर से कांग्रेस ज्वाइन कर ली। इसके बाद आज उन्होंने आधिकारिक रूप में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।

आंध्र प्रदेश विभाजन से कांग्रेस को नुकसान

गौरतलब है कि, आंध्र प्रदेश के विभाजन का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी को हुआ। यूपीए सरकार के एक फैसले से कांग्रेस की राज्य ईकाई को बहुत राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ा। कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं ने आंध्र प्रदेश विभाजन के फैसले के विरोध में पार्टी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश विभाजित होने के बाद अभी तक हुए दो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत सकी है।

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