संभल जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान गोली किसने चलाई यह अपने आप में बड़ा सवाल है. मस्जिद के सदर जफर अली ने जो दावा किया था कि भीड़ ने पथराव नहीं किया इस पर डीएम राजेंद्र पेंसिया का जवाब आया है. उन्होंने बताया है कि जफर अली को भीड़ ने दौड़ा लिया था और वह खुद भागते नजर आये थे.
संभल. संभल जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को लेकर रोज नये खुलासे हो रहे हैं. मस्जिद के सदर जफर अली ने पहले दावा किया था कि भीड़ ने कोई पथराव नहीं किया और जो कुछ भी हुआ उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है. उनके इस बयान के बाद वहां के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया सामने आये और उन्होंने जो जानकारी दी है वह चौंकाने वाली है.
डीएम ने बताया कि सुबह 10:30 बजे जब पथराव शुरू हुआ तो प्रशासन ने स्थिति संभालने के लिए जफर अली को हेलमेट पहनाकर भीड़ को शांत करने को कहा लेकिन जब भीड़ ने उन पर हमला किया तो वह मौके से भाग गये. जफर अली को न तो हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है.
संभल की जामा मस्जिद पहले हरिहर मंदिर था और मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. इसको लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है. अदालत ने सर्वे का आदेश दिया और जब पुलिस प्रशासन की टीम सर्वे कराने के लिए गई तो भीड़ ने पथराव कर दिया. इस दौरान गोली भी चली जिसमें चार लोग मारे गये जबकि पुलिस प्रशासन के कई आला अधिकारी घायल हो गये. पुलिस प्रशासन कह रहा है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर गोली किसने चलाई.
#WATCH संभल हिंसा पर डीएम संभल डॉ राजेंद्र पेंसिया ने कहा, “जामा मस्जिद कमेटी के प्रमुख जफर अली ने एक भ्रामक बयान दिया है जिसमें कहा गया है कि उन्हें (मस्जिद के) सर्वेक्षण के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी। अदालत का आदेश दोपहर 2.38 बजे (24 नवंबर को) आया और फिर हम शाम 5-5.30 बजे… pic.twitter.com/ZZagRvZDxz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2024
इसको लेकर जितनी मुंह उतनी बातें हो रही थी. मस्जिद के सदर जफर अली ने दावा किया था कि भीड़ ने कोई पथराव नहीं किया था. जो कुछ भी हुआ उसके लिए प्रशासन जिम्मेदार है. जफर अली के आरोपों का डीएम ने राजेंद्र पेंसिया ने जो जवाब दिया है वह पूरे मामले को समझने के लिए अहम है. उन्होंन बताया है कि जफर अली को हेलमेट पहनाकर हिंसा पर उतारू भीड़ के बीच ले जाया गया था. उनसे आग्रह किया गया था कि वह शांति की अपील करें. जैसे ही भीड़ के पास पहुंचे, भीड़ उन्हीं पर टूट पड़ी, वह वहां से किसी तरह जान बचाकर भागे. भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी.
एक आरोप यह भी लग रहा है कि जब सर्वे टीम मस्जिद पहुंची तो धार्मिक नारेबाजी हो रही थी. इसको लेकर वीडियो वायरल हो रहा है. जिला मजिस्ट्रेट ने जवाब दिया है कि यह भी भ्रामक है. असलियत यह है कि जब सर्वे टीम सर्वे करके लौट रही थी तब काफी दूर खड़े कुछ लोगों ने नारेबाजी की थी.
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