नई दिल्ली। 28 मई को दिल्ली के शाहबाद डेरी में हुए वीभत्स साक्षी हत्याकांड को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। इस मर्डर केस में अब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने दखल दिया है और दिल्ली पुलिस को समन भेजा है। इससे पहले दिल्ली महिला आयोग ने भी पुलिस को नोटिस भेजा था। इन्हे भेजा […]
नई दिल्ली। 28 मई को दिल्ली के शाहबाद डेरी में हुए वीभत्स साक्षी हत्याकांड को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। इस मर्डर केस में अब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने दखल दिया है और दिल्ली पुलिस को समन भेजा है। इससे पहले दिल्ली महिला आयोग ने भी पुलिस को नोटिस भेजा था।
एनसीपीसीआर ने बाबा साहिब अंबेडकर अस्पताल के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, उत्तरी जिले के डीसीपी और उत्तर जिले के डीएम को पीड़िता की पोस्टमॉर्टम कॉपी, एफआईआर कॉपी और विवरण के साथ 7 जून को आयोग के सामने पेश होने के लिए समन भेजा है।
हैरान करने वाली बात यह है कि जिस वक़्त वह बच्ची पर चाकू से वार कर रहा था। उस वक़्त वहां पर भीड़ भी मौजूद थी। लेकिन इतनी भीड़ होने के बाद भी किसी ने एक आवाज़ तक नहीं उठाई। ऐसा अक्सर सुनने को मिल जाता है कि भीड़ हमेशा तमाशा देखती रह जाती है। इतने ज़्यादा लोग होने के बाद भी लोग तमाशबीन बनकर सब कुछ देखते रह जाते हैं और उनकी आंखों के सामने बड़े बड़े अपराध हो जाते हैं।
ऐसे में आपके मन में भी यह सवाल आया होगा कि आखिर ऐसा क्यों होता है? तो आपको बता दें कि इसके पीछे मनोवैज्ञानिक कारण होता है। जी हां, आपको बता दें, Psychology में इसे बाईस्टैंडर इफेक्ट (Bystander Effect) कहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या होता है बाईस्टैंडर इफेक्ट (Bystander Effect)? इस खबर में हम आपको बताने की कोशिश करते हैं।
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