नई दिल्ली: शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के साथ ही बांग्लादेश का सेंट मार्टिन द्वीप चर्चा का विषय बन गया है. वहीं शेख हसीना ने दावा किया है कि यदि उन्होंने सेंट मार्टिन द्वीप को अमरीका को दे दिया होता तो वे सत्ता में बनी रह सकती थीं. क्या है सेंट मार्टिन द्वीप से जुड़ा विवाद और इस पर अमेरिका की क्यों नजर है? चलिए जानते है.
1971 में बांग्लादेश के अस्तित्व में आने के बाद से ही सेंट मार्टिन द्वीप बांग्लादेश की उच्च राजनीति पर है. वहीं शेख हसीना ने पिछले साल आरोप लगाया था कि अमरीका, चुनावों में विपक्षी पार्टी बीएनपी की जीत के बदले में सेंट मार्टिन द्वीप पर कब्जा जमाना चाहता है. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर बीएनपी पार्टी सत्ता में आती है तो वह सेंट मार्टिन द्वीप को अमेरिका के होथों बेच देगी.
बंगाल की खाड़ी के उत्तरपूर्वी भाग में स्थित सेंट मार्टिन द्वीप है जो बांग्लादेश के सबसे दक्षिणी प्रायद्वीप कॉक्स बाजार-टेकनाफ के सिरे से करीब 9 किलोमीटर दूर है. नारियल के पेड़ों की वजह से इसे ‘नारिकेल जिंजीरा’ भी कहते हैं. सेंट मार्टिन द्वीप का क्षेत्रफल केवल 3 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें करिब 3,700 निवासी रहते हैं. यहां मुख्य काम चावल की खेती, नारियल की खेती, मछली पकड़ने और समुद्री शैवाल की कटाई हैं.
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