Sack MJ Akbar Journalist Letter to PM Modi: मी टू कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोपों को झेलने वाले एम जे अकबर द्वारा दायर किए गए मानहानि मुकदमे के मामले पर 18 अक्टूबर को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी. वहीं अब नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) यानि पत्रकारों के एक समूह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एम जे अकबर को बर्खास्त करने की मांग की है.
नई दिल्ली. मी टू कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोपों में फंसे विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. करीब 16 महिलाओं ने अब तक केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार महिला पत्रकारों के एक समूह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग की है.
दर्जनों महिलाओं के आरोपों के बाद नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने राष्ट्रपति व नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर अकबर को बर्खास्त करने की मांग की है. पत्रकारों ने पत्र के जरिए राष्ट्रपति से कहा कि हम बेहद हैरान हैं कि वह गंभीर आरोपों के बाद केंद्रीय मंत्री के पद पर बने हुए हैं. पत्रकारों ने मांग की कि जब तक स्वतंत्र रूप से जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक अकबर को बर्खास्त किया जाए.
महिलाओं ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि अगर वह ऐसे ही पद पर बने रहेंगे तो जांच प्रभावित होगी. आप भी सहमत होंगे कि अनैतिक और अनुचित है. वहीं एनडब्ल्यूएमआई ने कहा कि मानहानि जैसे आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाना तो महिलाओं को खामोश करवाना और अन्य महिलाओं को चुप करवाने भरा जैसा है. महिला पत्रकारों ने मांग की कि केंद्रीय मंत्री विदेश मंत्रालय को एमजे अकबर को जांच होने तक पद से बर्खास्त करना चाहिए.
एमजे अकबर के मानहानि केस पर 18 अक्टूबर को होगी सुनवाई
मी टू कैंपेन के तहत एम जे अकबर द्वारा दायर किए गए मानहानि मुकदमे के मामले पर 18 अक्टूबर को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी. बता दें सबसे पहले प्रिया रमानी ने एम जे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. जिसे केंद्रीय मंत्री ने बेबुनियाद बताते हुए केस किया है.