नई दिल्ली : राजस्थान में बीते कुछ महीनों से सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी संग्राम चल रहा है अब उस पर पार्टी आलाकमान विराम लगाने की कोशिश कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस आलाकमान अब सचिन पायलट को महाचसिव बनाने की तैयारी में है. बन सकते हैं राज्य के […]
नई दिल्ली : राजस्थान में बीते कुछ महीनों से सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी संग्राम चल रहा है अब उस पर पार्टी आलाकमान विराम लगाने की कोशिश कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस आलाकमान अब सचिन पायलट को महाचसिव बनाने की तैयारी में है.
राजस्थान में कुछ महीने बाद विधानसभा का चुनाव होने वाला है. मौजूदा समय में वहां पर कांग्रेस की सरकार है और सीएम अशोक गहलोत है. बीते कुछ महीनों से दोनों नेताओं के बीच काफी मनमुटाव चल रहा था जिसकी वजह से पार्टी को भी नुकसान हो सकता था. इसी के चलते हाईकमान ने उनको कांग्रेस की टॉप 35 लीडरशिप में शामिल करने का फैसला लिया है. नंवबर-दिसंबर में राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने वाला है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस पार्टी इस बार राजस्थान में विधानसभा का चुनाव सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. वहीं सचिन पायलट से भी चुनाव में टिकट वितरण करते समय राय ली जाएगी. बता दें कि राजस्थान में सचिन पायलट का 40 से 50 सीटों पर प्रभाव है इसी की वजह से कांग्रेस पार्टी उनको दरकिनार नहीं कर सकती है.
कांग्रेस नेता और विधायक सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. पूर्व सीएम वंसुधरा राजे खिलाफ उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी. इसी के साथ पेपर लीक वाले मामले में भी कमेटी गठित करने का आवाज उठाई थी. उन्होंन कहा था कि मैंने सीएम गहलोत को 2 बार चिट्ठी लिखी थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन ही सब मामलों के देखते हुए कांग्रेस हाईकमान ने सचिन पायलट को महासचिव बनाने का फैसला कर रही है.
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