Sachin Pilot Meet Ashok Gehlot: महीने भर चले विवाद के बाद साथ आए अशोक गहलोत और सचिन पायलट, मुसकुराकर मिलाया हाथ

Sachin Pilot Meet Ashok Gehlot: सचिन पायलट और उनके साथ कांग्रेस के 18 बागी नेताओं ने सरकार से नाराज होकर बगावत कर दी थी. करीब दो महीने तक चली लंबी खींचतान के बाद आखिरकार सचिन पायलट झुके और 10 अगस्त को राहुल और प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे. केंद्रीय नेतृत्व की दखलअंदाजी से मामला रफा दफा हुआ और आखिरकार सचिन पायलट जयपुर लौटे. गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा का सत्र शुक्रवार 14 अगस्त से शुरू हो रहा है जिसके बाबत कांग्रेस एकजुट हो गई है.

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Sachin Pilot Meet Ashok Gehlot: महीने भर चले विवाद के बाद साथ आए अशोक गहलोत और सचिन पायलट, मुसकुराकर मिलाया हाथ

Aanchal Pandey

  • August 13, 2020 7:03 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

जयपुर: अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहा दंगल खत्म होते ही मामला सामान्य होता दिख रहा है. कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम का पद भी लौटा दिया है जिसके बाद गुरुवार को सचिन पायलट कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर पहुंचे. बैठक के बाद दोनों नेता मीडिया के भी सामने आए और मुसकुराते हुए हाथ मिलाकर ये संदेश दिया कि पार्टी में ऑल इज वेल है. गौरतलब है कि सचिन पायलट और उनके साथ कांग्रेस के 18 बागी नेताओं ने सरकार से नाराज होकर बगावत कर दी थी. करीब दो महीने तक चली लंबी खींचतान के बाद आखिरकार सचिन पायलट झुके और 10 अगस्त को राहुल और प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे. केंद्रीय नेतृत्व की दखलअंदाजी से मामला रफा दफा हुआ और आखिरकार सचिन पायलट जयपुर लौटे. गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा का सत्र शुक्रवार 14 अगस्त से शुरू हो रहा है जिसके बाबत कांग्रेस एकजुट हो गई है.

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों को भूल जाओ और माफ करो की भावना के साथ लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़नी होगी. उन्होंने ट्वीट कर ये भी कहा कि कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकतंत्र को बचाने की है. पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी मतभेद हुआ है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें भुलाना होगा और माफ करके आगे बढ़ने की भावना के साथ लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई में लगना है.

गहलोत ने आगे ट्वीट किया कि मैं उम्मीद करता हूं कि भूल जाओ और माफ करो की भावना के साथ ‘लोकतंत्र की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि देश में चुनी हुई सरकारों को एक-एक करके तोड़ने की जो साजिश चल रही है, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सरकारें जिस तरह गिराई जा रही हैं, ईडी, सीबीआई, आयकर, न्यायपालिका का जो दुरुपयोग हो रहा है, वह लोकतंत्र को कमजोर करने का बहुत खतरनाक खेल है.

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