Sabrimala Temple Case: बुधवार को केरल के सबरीमाला मंदिर के कपाट सभी आयु की महिलाओं के लिए खोले गए थे, जो 22 अक्टूबर तक खुले रहेंगे. लेकिन अब तक प्रदर्शनकारियों के भारी विरोध के कारण 10-50 वर्ष की कोई महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई है. प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया.
तिरुअनंतपुरम. Sabrimala Temple Case: सबरीमाला मंदिर पर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को 10-50 साल की महिलाओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए, लेकिन अब तक कोई भी महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई है. शुक्रवार को दो तीन महिलाओं रेहाना फातिमा, मैरी स्वीटी और हैदराबाद के मोजो टीवी की पत्रकार कविता जक्कल ने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन किसी को कामयाबी हासिल नहीं हुई. कविता और रेहाना को पुलिस ने पंबा से सन्नीधनम तक घेरा बनाकर ले जाने की कोशिश की. इस घटना के बाद कुछ अज्ञात लोगों ने रिहाना के कोच्चि स्थित घर में तोड़फोड़ की.
लेकिन मंदिर में घुसने को लेकर अब तक कोई हिंदू महिला आगे नहीं आई. शुक्रवार को जिन महिलाओं ने एंट्री करने की कोशिश की, उनमें से रेहाना मुस्लिम और स्वीटी ईसाई हैं. एेसे में हिंदूवादी नेताओं ने इन महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की कोशिश पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इन महिलाओं का हिंदू धर्म से कोई नाता नहीं है और न ही उस पर विश्वास है. एेसे में वे मंदिर में एंट्री क्यों करना चाहती हैं.
सैकड़ों की तादाद में महिलाएं भी महिलाओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि वे भगवान अयप्पा के दर्शन करने के लिए 50 वर्ष की आयु तक इंतजार करने को तैयार हैं. हर आयु की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में एंट्री दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कई संगठनों ने आपत्ति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की गई है.
महिलाओं के लिए मंदिर के कपाट खोले जाने से लेकर अब तक कई महिलाओं ने सबरीमाला की पहाड़ियों के अलावा अन्य रास्तों से भी भगवान अयप्पा के दर्शन करने की कोशिश की, लेकिन अब तक कोई एेसा नहीं कर पाया. प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार और उनके साथी पर पथराव भी किया. इसके अलावा बुधवार को भी कई पत्रकारों पर प्रदर्शनकारियों ने हमले किए थे.
Sabrimala Protest: क्या केरल में बीजेपी के लिए बाबरी मस्जिद साबित होगा सबरीमाला मंदिर!
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