Sabarimala Protest: सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर चल रहे विरोध का सामना न्यूयॉर्क टाइम्स की पत्रकार को भी करना पड़ा जब उन्हें पत्थरबाजी कर रहे लोगों ने रोक दिया. केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री से सुप्रीम कोर्ट प्रतिबंध हटाने का आदेश दे चुका है जिसका लोग विरोध कर रहे हैं.
नई दिल्ली. केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री से सुप्रीम कोर्ट प्रतिबंध हटाने का आदेश दे चुका है. ऐसे में बुधवार को मंदिर को कपाट खुलने के बाद से परिसर के आस पास लोग इसका हिंसक विरोध कर रहे हैं. जिसके न्यूयॉर्क टाइम्स से आए दो पत्रकारों को भी गुरुवार को भक्तों का गुस्सा झेलना पड़ा और वहां से लौटना पड़ा. भक्तों मे पुलिस और पत्रकारों पर पत्थर बरसाने शुरु कर दिए.
न्यूयॉर्क टाइम्स से दिल्ली की सुहासिनी राज अपने एक विदेशी सहयोगी के साथ पंबा गेटवे से आगे निकलने में कामयाब रहीं, लेकिन गुस्से में भक्तों ने उन्हें रोक दिया, जिन्होंने उनके सामने एक मानव दीवार बना दी. प्रदर्शनकारियों ने दोनों पत्रकारों को वापस लौटने के लिए मजबूर किया. सुहासिनी ने कहा कि वह पूजा करने के लिए नहीं बल्कि अपना काम करने के लिए आई हैं. लेकिन दोनों पत्रकारों को वापस जाना पड़ा प्रदर्शनकारियों ने बसों पर कब्जा कर लिया, महिलाओं को मंदिर के पास जाने से रोका, पत्रकारों पर हमला किया, मीडिया वाहनों को बर्बाद कर दिया और पुलिस पर पत्थरों से हमला किया.
बता दें कि सैकड़ों वर्षों से महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध था. क्योंकि भक्तों का मानना है कि मासिक धर्म महिलाओं को ‘अशुद्ध’ कर देता है. इस प्रथा के खिलाफ लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट की ओर से ये प्रतिबंध हटा है. गुरुवार को पुलिस ने 30 प्रदर्शनाकारियों को हिरासत में लिया है जिनमें 21 लोगों का आज गिरफ्तार किया जबकि 9 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया.
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी दलितों के साथ छूआछूत की तरह है- एमिकस राजू रामचंद्रन