भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाने वाले हैं। यह पिछले 9 साल में पहली बार है जब कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा कर रहा है।
नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान जाने वाले हैं। यह पिछले 9 साल में पहली बार है जब कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा कर रहा है। वे 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस दौरे की सुरक्षा को लेकर आपके मन में भी कई सवाल होंगे।
एस जयशंकर की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तान की होगी। जब भी कोई विदेशी नेता या मंत्री किसी देश का दौरा करता है, तो उस देश की सुरक्षा एजेंसियों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है। इसलिए, पाकिस्तान में एस जयशंकर की सुरक्षा पाकिस्तान की फोर्स करेगी।
पाकिस्तान में विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए दो प्रमुख बल जिम्मेदार होते हैं
1. विशेष सुरक्षा प्रभाग (SSU)
यह एक स्पेशल सुरक्षा एजेंसी है, जो VIP सुरक्षा और महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा के लिए जानी जाती है। SSU आतंकवादी हमलों और अन्य सुरक्षा खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने में माहिर है। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी अधिकारियों, विदेशी मेहमानों और प्रमुख नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
2. पाकिस्तान रेंजर्स
यह एक पैरामिलिटरी बल है, जो पाकिस्तान में आंतरिक सुरक्षा और सीमा प्रबंधन के लिए कार्यरत है। पाकिस्तान रेंजर्स खासतौर पर पंजाब और सिंध प्रांतों में काम करती है। इनका मुख्य काम सीमा पर सुरक्षा सुनिश्चित करना और आतंकवादी गतिविधियों पर नजर रखना है। यह फोर्स उच्च-स्तरीय अधिकारियों, नेताओं और विदेशी मेहमानों की सुरक्षा में भी लगी रहती है।
जब भी कोई भारतीय विदेश मंत्री विदेश यात्रा पर जाता है, तो उनके साथ कुछ लोग भी होते हैं, जो विदेश मंत्रालय से जुड़े होते हैं। हालांकि, विदेश मंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेज़बान देश की होती है, इसीलिए एस जयशंकर की सुरक्षा पाकिस्तान की फोर्स ही करेगी। इस तरह, एस जयशंकर का यह दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
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