नई दिल्ली। गोवा की राजधानी पणजी में इस समय शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की महत्वपूर्ण मीटिंग हो रही है। इस मीटिंग में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर जम्मू कश्मीर को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारत का अभिन्न अंग है जम्मू कश्मीर गोवा […]
नई दिल्ली। गोवा की राजधानी पणजी में इस समय शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की महत्वपूर्ण मीटिंग हो रही है। इस मीटिंग में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर जम्मू कश्मीर को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।
गोवा में हो रहे SCO समिट की बैठक में पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान एस जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि, ‘जम्मू-कश्मीर भारत के एक अभिन्न अंग है, जैसे देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जी-20 की बैठकें हो रही हैं, वैसे ही जम्मू-कश्मीर में भी ये मीटिंग हो रही है। इसमें कुछ भी असामान्य नहीं है।’
इस दौरान भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि आर्टिकल 370 का जम्मू कश्मीर से हटना अब इतिहास बन चुका है। जितना जल्दी आप इसे समझ पाए उतना बेहतर होगा। चीन के साथ भारत के मौजूदा संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर हालात सुलझने तक संबंध सामान्य नहीं हो सकते।
बता दें, 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद रूस को चीन का डर सताने लगा कि कहीं वह बाकी के छोटे देशों को अपने कब्ज़े में ना कर ले। 1996 में शंघाई शहर में ऐलान किया गया कि शंघाई कॉरपोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (Shanghai Cooperation Organization) की स्थापना की जाएगी. इसमें शंघाई 5’। रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान सदस्य देश रहे। उज्बेकिस्तान के जुड़ते ही साल 2001 में इसका नाम बदलकर SCO कर दिया गया। इस संगठन की प्राथमिकता आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाना और धार्मिक कट्टरता को कम करना रही।