रुस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन आज भारत आ रहे हैं. पुतिन की भारत यात्रा के दौरान एस-400 डिफेंस सिस्टम की डील होने वाली है. यह डिफेंस सिस्टम भारतीय सेना की ताकत बढ़ा देगा. इस डील से पाकिस्तान के हर हिस्से पर नजर रखी जा सकेगी और चीन भी कमजोर होगा. हम बता रहे हैं इसकी खासियतें.
नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन गुरुवार को (आज) भारत आ रहे हैं. इस दौरान भारत और रूस के बीच एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के पांच अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किये जाएंगे. व्लादिमिर पुतिन के साथ भारत एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीद का सौदा करेगा. पुतिन चार और पांच अक्टूबर को भारत में ही रहेंगे. रूस के साथ इस सौदे पर अमेरिका भारत से नाराज है. अमेरिका चाहता है कि भारत को रूसी तकनीक से दूर रखा जाए. अगस्त में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि यदि भारत एस-400 खरीदता है तो हम उस पर प्रतिबंध लगाने का विचार कर सकते हैं. इस सौदे से भारतीय सेना तो मजबूत होगी ही साथ ही पाकिस्तान की भी नींद उड़ जाएगी. पाकिस्तान का हर कोना इसकी जद में होगा. हम बता रहे हैं इसकी खासियतें…
1. उच्च निगरानी क्षमता: एस-400 का एईएसए रडार हर दिशा में निगरानी कर सकता है. इससे 100 से 300 लक्ष्य एक साथ ट्रैक हो सकते हैं. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इससे भारतीय सेना की ताकत बढ़ेगी साथ ही पाकिस्तान और चीन की ताकत कमजोर होगी. इससे पाक के लड़ाकू विमान और ड्रोन्स को आसानी से मार गिराया जा सकेगा.
2. मोबाइल कमांड सेंटर: कमांड पोस्ट में तैनात हथियार परिचालक अपने साथी सैन्य बलों से बातचीत कर सकते हैं. इससे बहुत सारी मुश्किलें हल हो सकती हैं.
3. फायर कंट्रोल रडार: एस 400 से लक्ष्य निर्धारित होने पर कमांड सेंटर फायर कंट्रोल रडार को मिसाइल लांच करने का आदेश दे सकता है.
4. लांचर: बटालियन लांच व्हीकल को सबसे अच्छा डाटा भेजा जाएगा. इसके बाद मिसाइल लांच की जा सकेगी. यह मिसाइल 30 किमी की ऊंचाई पर 36 लक्ष्यों पर एक साथ निशाना लगा सकती है. नए एस-400 ट्रायम्फ में मिसाइल दागने की क्षमता ढाई गुना ज्यादा तेज है.
प्रत्येक एस-400 मिसाइल में 8 लांचर होते हैं. इसके अलावा दो रडार और एक कमांड सेंटर होता है. एस-400 ट्रायम्फ की निगरानी क्षमता 600 किमी है. 400 किमी तक मिसाइल को मार गिराने की क्षमता है. दुश्मन के लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल और ड्रोन्स को नष्ट करता है. इसकी रफ्तार की बात की जाए तो हवा से बातें करने वाली कहावत कहीं नहीं ठहरती. इसकी रफ्तार 17000 किमी/घंटा है. जो वर्तमान में मौजूद किसी भी विमान से ज्यादा है.
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