रूस-यूक्रेन युद्ध अगले साल तक रह सकता है जारी, पुतिन जीत के साथ करेंगे खत्म -ब्रिटेन

नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का मानना ​​है कि यह युद्ध तब तक समाप्त नहीं होने वाला है जब तक रूस यूक्रेन के साथ युद्ध जीत नहीं लेता. हैदराबाद हाउस में अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया. रूस और यूक्रेन युद्ध पर […]

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रूस-यूक्रेन युद्ध अगले साल तक रह सकता है जारी, पुतिन जीत के साथ करेंगे खत्म -ब्रिटेन

Pravesh Chouhan

  • April 22, 2022 5:52 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का मानना ​​है कि यह युद्ध तब तक समाप्त नहीं होने वाला है जब तक रूस यूक्रेन के साथ युद्ध जीत नहीं लेता. हैदराबाद हाउस में अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया. रूस और यूक्रेन युद्ध पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सच है कि राष्ट्रपति पुतिन के पास बहुत बड़ी सेना है.यही वजह है कि रूस इतने दिनों से इस युद्ध को जारी रखे हुए है.

बोरिस ने कही ये बात

इस बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए बोरिस ने कहा कि इन दोनों के बीच ये जंग अगले साल भी चल सकती है. इससे पहले अगर रूस इस युद्ध को जीत लेता है तो वह खत्म भी हो सकता है. लेकिन, इसमें रूस का अंतिम लक्ष्य केवल जीत है. बता दें कि हैदराबाद हाउस में बोरिस और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर भी दस्तखत हुए.

भारत चाहता है विवाद का शांतिपूर्ण समाधान

जहां तक ​​रूस और यूक्रेन युद्ध पर दोनों देशों के विचारों का सवाल है, भारत चाहता है कि बातचीत के जरिए विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाए.भारत पहले से ही कहता रहा है कि विवाद का समाधान करते हुए दोनों देशों की संप्रभुता और हितों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

पश्चिमी देशों के साथ ब्रिटेन

यहां आपको यह भी बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच इस युद्ध में ब्रिटेन पूरी तरह से पश्चिमी देशों के साथ है. कुछ समय पहले यूके के पीएम बोरिस जॉनसन भी यूक्रेन की राजधानी कीव गए थे. ब्रिटेन उन देशों में से एक है जिसने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. ब्रिटेन ने रूस के खिलाफ यूएनएससी और संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्तावों में अपना समर्थन दिया. भारत की बात करें तो उसने UNSC और संयुक्त राष्ट्र महासभा में लाए गए प्रस्तावों के दौरान वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.

 

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