Russia Ukraine War: भारतीय छात्रों पर संकट, रूस ने सूमी में गिराए 500 किलो के बम, 18 की मौत

Russia Ukraine War नई दिल्ली, Russia Ukraine War रूस और यूक्रेन के बीच जंग को आज 13 वां दिन हैं. दोनों दशो के बीच तीन दौर की वार्ता हो चुकी हैं, लेकिन इसमें कोई भी नतीजा नहीं निकला है. रूस लगातार यूक्रेन के शहरो में बमबारी और मिसाइल हमले कर रहा हैं. अब तक इस […]

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Russia Ukraine War: भारतीय छात्रों पर संकट, रूस ने सूमी में गिराए 500 किलो के बम, 18 की मौत

Girish Chandra

  • March 8, 2022 3:14 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Russia Ukraine War

नई दिल्ली, Russia Ukraine War रूस और यूक्रेन के बीच जंग को आज 13 वां दिन हैं. दोनों दशो के बीच तीन दौर की वार्ता हो चुकी हैं, लेकिन इसमें कोई भी नतीजा नहीं निकला है. रूस लगातार यूक्रेन के शहरो में बमबारी और मिसाइल हमले कर रहा हैं. अब तक इस युद्ध में 400 से ज़्यादा आम नागरिक मारे जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. कल हुए बैठक में यूक्रेन में फ़ंसे नागरिकों को निकालने के लिए मानवीय गलियारा बनाने पर सहमति बनी है, जिसके बाद आज मंगलवार को रूस ने कीव, चेर्निहाइव, सुमी, खार्किव और मारियुपोल शहरों में मानवीय कारिडोर को खोलने के लिए युद्ध विराम की घोषणा की है. हलाकि रूस के इस कदम को यूक्रेन ने पब्लिसिटी स्टंट बताया है.

इस बीच यूक्रेनी सरकार ने दावा किया है कि सूमी में रूसी सेना ने देर रात कई रिहायशी इलाकों में 500 किलो के बम गिराए है. इस बमबारी में 2 बच्चो समेत 18 लोगों की मौत हुई हैं. आपको ज्ञात हो सूमी में अभी भी करीब 700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू करने का काम किया जा रहा है. पीएम मोदी ने भी कल तीसरी दौर की वार्ता से पहले दोनों देशो के राष्ट्रपति से सूमी में फ़ंसे छात्रों के मुद्दे को रखा था और इसपर समर्थन की मांग की थी.

रूस ने युद्ध खत्म करने के लिए यूक्रेन के सामने रखी ये चार बाते-

1- सैन्य कार्रवाई बंद हो
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने 24 फ़रवरी को जब सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया था, तो तब उन्होंने बताया था कि उनका मकसद यूक्रेन पर कब्ज़ा करना नहीं हैं, बल्कि यूक्रेनी फ़ौज का डिमिलिटराइजेशन करना है. रूस ने यूक्रेन के सामने सैन्य कार्रवाई को बंद करने की शर्त रखी है.

2- संविधान को बदले
रूस हमेशा से ही यूक्रेन के किसी भी सैन्य संगठन में शामिल होने पर नाराजगी जाहिर करता है. 24 फ़रवरी से शुरू हुए इस युद्ध के पीछे भी यही कारण है. यूक्रेन नाटो में शामिल होना चाहता है, लेकिन रूस इसके खिलाफ है. रूस चाहता है कि यूक्रेन तटस्थ बने रहने के लिए अपने सविंधान में बदलाव करें, जिससे रूस का उसपर भरोसा बन सके. बता दें संवैधानिक बदलाव होने से यूक्रेन का NATO और EU जैसे संगठन में शामिल होना हमेशा के लिए नामुंकिन हो जाएगा।

3- क्रीमिया को मान्यता दे
रूस चाहता है कि यूक्रेन क्रीमिया प्रायद्वीप को रूस के हिस्से के रूप में मान्यता दे. रूस की ओर से कहा गया कि यदि यूक्रेन ऐसा करता है तो हम युद्ध के निर्णय को वापस ले लेंगे।

4- दोनेत्सक और लुहांस्क को स्वतंत्र देश माने
दोनेत्सक और लुहांस्क के अलगावादियों ने साल 2014 में खुद को एक स्वत्रंत देश के रूप में घोषित किया था. रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने से पहले रूस ने दोनेत्सक और लुहांस्क को अलग स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दी थी, जिसका यूक्रेन ने विरोध किया था. रूस चाहता है कि यूक्रेन इन दोनों को अलग देश के रूप में मान्यता दे.

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