नई दिल्ली. Russia-Ukraine Conflict रूस और यूक्रेन के बीच सब ठीक नहीं है, दोनों देशो के बीच युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं. रूस ने यूक्रिन की सिमा पर अपने 1 लाख 30 हजार से ज़्यादा सैनिक, टैंक, हथियार और गोला बारूद जमा करना शुरू कर दिया है. खबरों के मुताबिक रूस ने यूक्रेन को तीनो ओर से घेर लिया है और कभी भी यूक्रेन को निशाना बना सकता है. अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश का कहना है कि रूस 16 फ़रवरी को यूक्रेन पर हमला कर सकता है.
युद्ध को टालने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस समेत कई देशो ने राजनयिक और कूटनीक प्रयास किए है, लकिन इसका रूस पर कोई असर नहीं दिख रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि रूस कभी भी यूक्रेन को अपना निशाना बना सकता है क्योकि रूसी सेना ने उसे तीन तरफ से घेरा हुआ हैं, हलाकि अभी यह साफ़ नहीं है कि रूस पहले किस क्षेत्र को अपना निशाना बनाएगा। रूस ने यूक्रेन को दक्षिण में क्रीमिया, उत्तर में बेलारूस और पूर्वी यूक्रेन में घेर लिया है.
यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहंस्क में 2014 से ही रूसी समर्थित अलगाववादी है. सैटेललाइट इमेज के आधार पर बताया गया है कि येलन्या में रूसी सेना ने सभी मिलेट्री बेस को खाली कराया जा चूका है और यहां का सारा सामान यूक्रेन के सिमा पर भेज दिया गया है. साल 2021 के अंत में यहां भारी मात्रा में रूसी सेन्स ने गोला, हथियार और बारूद रखा था.
रूस और बेलारूस के बीच बेहद ही करीबी संबंध है. दोनों देशो को बीच पिछले 10 दिनों से सैन्य टुकड़ियां युद्ध अभ्यास कर रही है. रूस के करीब 30,000 से ज़्यादा सैनिक युद्ध अभ्यास का हिस्सा है. बेलारूस में सेनिको के साथ-साथ एक से एक आधुनिक हथियार भी मौजूद है. ऐसी आशंका है कि रूस बेलारूस के जरिए यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस सकती है. बेलारूस और कीव के बीच 150 किमी की दूरी है.
क्रीमिया कभी यूक्रेन का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन साल 2014 में रूस ने इसे अपने कब्जे में कर लिया था. सैटेललाइट इमेज के आधार पर क्रीमिया की राजधानी सिम्फरोपोल के उत्तर में करीब 500 से ज़्यादा टैंट और रूसी वाहन आ चुके है. रूस ने युद्ध के लिए मुख्य बंदरगाह सेवस्तोपोल में भी कई युद्धपोत खड़े किए है साथ ही काला सागर में भी 6 जंगी जहाज तैनात किए हुए हैं.
दरअसल, रूस चाहता है कि यूक्रेन यूरोपीय संघ के साथ अपने रिश्तों को खत्म करे साथ ही अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का सदस्य बनने का संकलप छोड़ दें. क्योकि नाटो का सदस्य बनने से रूस की सुरक्षा संबंधी चिंताएं काफी ज्यादा बढ़ जाएंगी, जो रूस कभी नहीं चाहेगा। रूस नहीं चाहता है कि उसकी सीमा तक नाटो की पहुंच हो और उसकी सुरक्षा पर कोई दखलंदाजी करें। इसके साथ ही रूस इस बात से भी परेशान है कि पिछले कुछ समय से यूक्रेन के कारण अमेरिकी सेना और बाकी दुश्मन देश उसकी सीमा तक पहुंच रहे हैं। पिछले कई साल से अमेरिकी सेना के अधिकारी लगातार यूक्रेन का दौरा कर रहे है और कई बार उन्हें यूक्रेन और रूस की सीमा पर भी देखा गया है।
रूस इसे बहुत बड़े खतरे के रूप में देख रहा है और बार-बार यूक्रेन को तनाव बढ़ाने के रोकने की धमकी भी दे रहा है। यूक्रेन ने रूस से रक्षा के लिए अमेरिका से काफी मात्रा में हथियार भी खरीदे हैं। यूक्रेन की आबादी का लगभग छठा हिस्सा रूसी बोलने वाले लोगों का है, ऐसे में रूस का दावा है कि यूक्रेन में इन लोगों की सुरक्षा को भी खतरा है।
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