Run4Niine: Run4Niine कार्यक्रम के तहत 500 से अधिक शहरों में मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर सड़कों पर जोर शोर से नारे गूंजेंगे, ये मैराथन इसलिए होगी ताकि पीरियड्स के दौरान भारतीय महिलाओं और लड़कियों को असुरक्षित सेनेटरी प्रथाओं से मुक्त करने का प्रयास किया जा सके. इस मैराथन में देश का हर वर्ग सड़कों पर दौड़ लगाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग को असुरक्षित मासिक धर्म को लेकर जागरुक किया जा सके.
Run4Niine: 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर नाइन फाउंडेशन के Run4Niine कार्यक्रम के तहत 500 से अधिक शहरों में मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर सड़कों पर जोर शोर से नारे गूंजेंगे, ये मैराथन इसलिए होगी ताकि पीरियड्स के दौरान भारतीय महिलाओं और लड़कियों को असुरक्षित सेनेटरी प्रथाओं से मुक्त करने का प्रयास किया जा सके. इस मैराथन में देश का हर वर्ग सड़कों पर दौड़ लगाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग को असुरक्षित मासिक धर्म को लेकर जागरुक किया जा सके.
देश में आज भी 90 प्रतिशत लड़कियां और महिलाएं सेनेटरी नेपकिन की बजाय, कपड़े, मिट्टी, घास और कुछ और असुरक्षित चीजों का इस्तेमाल पीरियड्स के दौरान करती हैं. इसकी एक बड़ी वजह ये है कि सामाजिक रूढिवादिता के चलते कसबे से लेकर गांव की कई दुकानों में सेनेट्री नैपकिन मिलते ही नहीं हैं. सेनेट्री नैपकिन ब्रांड नाइन इन वर्जनाओं को तोड़कर गांव के हर इलाके में मासिक धर्म स्वच्छता की जानकारी के साथ महिलाओं और लड़कियों के लिए सेनेट्री नैपकिन उपलब्ध कराएगा.
मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर देश की हर महिला और लड़की को जागरुक करने का बीड़ा नाइन के संस्थापक अमर तुल्सियान ने अपने कंधों पर उठाया है. उनका कहना है, ‘मुझे Run4Niine लॉन्च करते हुए बेहद खुशी हो रही है. अपनी तरह का ये एक पहला इवेंट. हमारा उद्देश्य है कि मासिक धर्म स्वच्छता की वर्जनाओं को तोड़ने के लिए देश का हर वर्ग एकजुट हो और Run4Niine कार्यक्रम के तहत महिला, पुरुष और बच्चे जन जन को जागरुक करने के लिए मैराथन का हिस्सा बने. मैं जेसीआई और एफओजीएसआई को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं ताकि Run4Niine को और बढ़ावा मिल सके. इसके अलावा मैं अक्षय कुमार के निरंतर समर्थन का शुक्रगुजार हूं.’
मासिक धर्म के बारे में सदियों पुरानी वर्जनाओं के कारण, भारत में लाखों महिलाएं और लड़कियां पीरियड्स के दौरान उपहास और शर्म का शिकार होती हैं. देश में करीब 82 प्रतिशत महिलाएं और लड़कियां पीरियड्स को मैनेज करने के लिए असुरक्षित तरीकों का इस्तेमाल करती हैं. देश में कई किशोरियां तो पीरियड्स के दौरान सेनेट्री नैपकिन नहीं बल्कि घांस, पत्ते, राख, मिट्टी और कपड़े का इस्तेमाल करती हैं जो की उनकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक है. इन सभी चौंकाने वाले तथ्यों को जानने के बाद नाइन फाउंडेशन ने पांच साल के एक कार्यक्रम का प्लान बनाया है जिसमें मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर देश के हर वर्ग को जागरुक करने का प्रयास किया जाएगा.
Run4Niine कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों के लिए डॉ नरेंद्र मल्होत्रा का कहना है-
Run4Niine कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों के लिए डॉ जयदीप मल्होत्रा ने कहा –
JCI इंडिया के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अर्पित हाथी ने Run4Niine प्रतिभागियों के लिए कहा –