नई दिल्ली: 8 मार्च महिला दिवस के मौके पर JCI और FOGCI की साझेदारी के साथ नाइन सैनिटरी नेपकिन Run4Niine कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है. ज्यादा से ज्यादा महिलाएं और लड़कियां माहवारी के दिनों में कपड़े की जगह पैड का इस्तेमाल करें और पीरियड्स पर बात करने में अपनी हिचक को तोड़े, Run4Niine कार्यक्रम बस इसी उद्देश्य के साथ किया जा रहा है. देश के कई हिस्सों खासकर गांव और कसबे में आज भी भारी संख्या में महिलाएं और लड़कियां माहवारी के दिनों में कपड़े, मिट्टी और पत्तों का इस्तेमाल करती हैं, जो की उनकी सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है. मासिक धर्म का किसी से जिक्र करने में भी वो काफी घबराती हैं, बस इसी सोच को बदलने और पीरियड्स के दिनों पर खुलकर बात करने को लेकर ही Run4Niine सड़कों पर उतर रहा है, जिसमें लड़के और लड़कियां कंधे से कंधा मिलाकर समाज की सोच बदलने के लिए दौ़ड़ लगाएंगे.
28 मार्च 2018 को नाइन, सैनिटरी नेपकिन्स नाइन मूवमेंट के तहत Run4Niine कार्यक्रम की शुरुआत की थी जोकि मील का पत्थर साबित हो रहा है. 8 मार्च को उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में Run4Niine कार्यक्रम होने जा रहा है. इसके अलावा 450 शहरों में इस कार्यक्रम के तहत दौड़ के साथ कुछ गतिविधियां भी कराई जाएंगी. फिल्म पैडमैन के जरिए अक्षय कुमार ने मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर महिलाओं को काफी जागरुक करने की कोशिश की थी और इस कोशिश में वो काफी हद तक सफल भी हुए. दिलचस्प बात ये है कि लखनऊ में होने जा रहे Run4Niine कार्यक्रम का अक्षय कुमार भी हिस्सा हैं और वो इस कार्यक्रम का आगाज करेंगे. अक्षय कुमार ने कहा, ‘मैं Run4Niine आंदोलन के साथ जुड़ा हूं और लोगों में मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर जागरुकता फैसाले को लेकर खासा उत्साहित हूं.’
Ninne संस्थापक अमर तुलसियान ने कहा, ‘मुझे Run4Niine लॉन्च करते हुए खुशी महसूस हो रही है. ये अपनी तरह एक खास कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम के जरिए हम लड़के लड़कियों और बच्चों को भी अपने साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे, ताकि मासिक धर्म स्वच्छता पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरुक किया जा सके. समाज की रुढिवादी सोच को बदलने के लिए हम Run4Niine कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. हमारे इस प्रयास में सहयोग करने के लिए मैं JCI और FOGSI का शुक्रगुजार हूं, साथ ही अक्षय कुमार के सहयोग का भी मैं शुक्रगुजार हूं. ऐसे सम्मानित संगठनों और शानदार दिमाग के साथ काम करना एक अद्भुत अवसर है.’
नाइन मूवमेंट समाज के उस मिथक को तोड़ना का काम कर रहा है, जिसकी वजह से ग्रामीण भारत सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल सिर्फ पैसों के खर्च से बचने के लिए नहीं करता है. इस सोच को बदलना नाइन के लिए मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं. गांव और कसबों में सैनिटरी नैपकिन मिलते भी बहुत कम हैं. इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के लिए जागरुक करने का प्रयास तो है ही साथ ही इससे ग्रामीण महिलाएं कैसे आजीविका पा सकती हैं इसके भी अवसर उन्हें प्रदान किए जाएंगे.
मैनेजमेंट छात्रों के साथ मिलकर नाइन ने यूनीक और इफेक्टिव मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज तैयार की है, जिनमें से एक है महिलाओं को कपड़े के नुकसान और सेनेट्री नैपकिन के फायदे बताना है, जो की उनकी स्वच्छता के लिए कितना फायदेमंद होगा. इसके अलावा एनसीसी कैडेट्स के जरिए महिलाओं को मासिक धर्म प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वो आगे चल कर स्थानीय युवा लड़कियों और महिलाओं को प्रशिक्षित कर सकें.
नाइन मूवमेंट ने गोरखपुर, कानपुर के आसपास के ग्रामीणों को इस बारे में जानकारी दी है कि कैसे वर्तमान में उपयोग में आने वाले अन्य विकल्पों की तुलना में सैनिटरी नैपकिन बेहतर विकल्प है. इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाली छात्राओं और कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों को नाइन, मुफ्त सैनिटरी नैपकिन बाटेगा. आईआईएम लखनऊ ने रायपुर, मुबारकपुर और नरहरपुर में मासिक धर्म स्वच्छता पर नुक्कड़-नाटक और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया था.
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