नई दिल्ली, देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत की मौत के बाद से CDS का पद रिक्त है, अब करीब छह महीने से रिक्त पड़े इस पद पर नियुक्ति की तैयारी तेज कर दी गई है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति से संबंधित तीनों सैन्य बलों के नियमों में बदलाव किया है, जिसके […]
नई दिल्ली, देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत की मौत के बाद से CDS का पद रिक्त है, अब करीब छह महीने से रिक्त पड़े इस पद पर नियुक्ति की तैयारी तेज कर दी गई है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति से संबंधित तीनों सैन्य बलों के नियमों में बदलाव किया है, जिसके तहत तीनों सेनाओं में 62 वर्ष से कम आयु के लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल स्तर के सेवारत या सेवानिवृत अधिकारी को सीडीएस पद पर नियुक्त किया जा सकता है.
सरकार ने सीडीएस चुनने का दयारा व्यापक करते हुए अब सेवारत या रिटायर हो चुके वाइस एडमिरल और एयर मार्शन को भी चयन प्रक्रिया में शामिल कर लिया है. नए नियम के तहत, रिटायर्ड हो चुके आर्मी चीफ, नेवी चीफ और एयर चीफ सीडीएस बनने की रेस से करीब-करीब बाहर हो जाएंगे क्योंकि अब यह शर्त जोड़ दी गई है कि नियुक्ति के समय सीडीएस की आयु 62 साल से कम होनी चाहिए. वहीं, तीनों सेवा प्रमुखों का कार्यकाल तीन साल का होता है, लेकिन अगर वे उससे पहले ही 62 वर्ष के हो जाएं तो उन्हें सेवानिवृत होना पड़ता है.
सरकार ने सेवारत और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल को सीडीएस की रेस में शामिल करने के लिए तीनों सैन्य बलों के कानून में बदलाव के लिए अलग-अलग अधिसूचना जारी की है. एयरफोर्स एक्ट 1950 में संशोधन की अधिसूचना में कहा गया है कि लोकहित के लिए जरूरी होने पर केंद्र सरकार सेवारत एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल या फिर इन पदों से रिटायर हुए पर नियुक्ति के समय 62 साल से कम उम्र के अधिकारी को सीडीएस नियुक्त कर सकती है. इसमें आगे कहा गया है कि नियुक्त किए जाने वाले अधिकारी अधिकतम 65 वर्ष की उम्र तक अपने पद पर बने रह सकते हैं, बता दें ऐसी ही अधिसूचनाएं आर्मी एक्ट 1950 और नेवी एक्ट 1957 में बदलाव के लिए भी जारी की गई हैं.
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