नई दिल्ली : भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है. भारत में साल दर साल बिकने वाली कारों, बाइक और स्कूटरों की संख्या चौंका देने वाली है, और ये संख्या लगातार बढ़ने की उम्मीद है. दरअसल कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए सभी ड्राइवरों पर नज़र रखना मुश्किल हो जाता है. हाल […]
नई दिल्ली : भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल बाजार बन गया है. भारत में साल दर साल बिकने वाली कारों, बाइक और स्कूटरों की संख्या चौंका देने वाली है, और ये संख्या लगातार बढ़ने की उम्मीद है. दरअसल कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए सभी ड्राइवरों पर नज़र रखना मुश्किल हो जाता है. हाल के सालों में पुलिस अधिकारियों द्वारा ड्राइवरों पर बार-बार अत्याचार किया गया है. नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने नियमों का एक सेट जारी किया है जो भारतीय मोटर चालकों के लिए बहुत मददगार होगा. यहां हम आपको सड़क के 3 नियम बताते हैं जो हर किसी को पता होने चाहिए.
ड्राइवर का लाइसेंस वाहन पंजीकरण दस्तावेज़ और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) जैसे भौतिक दस्तावेज़ ले जाना आवश्यक नहीं है. बता दें कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों को डिजिलॉकर या एम-परिवहन ऐप के माध्यम से जमा किए गए ड्राइवर के लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेजों को स्वीकार करने का निर्देश दिया गया है. इन ऐप में ड्राइवर/ड्राइवर और वाहन का पूरा विवरण होता है, इसलिए कानून प्रवर्तन अधिकारी आसानी से दस्तावेज़ों को डिजिटल रूप से देख सकते हैं. इसलिए आप ड्राइवर को भौतिक प्रति (हार्ड कॉपी) दिखाने की जहमत नहीं उठा सकते है.
यदि वाहन चलाते समय चालक के पास मोबाइल फोन नहीं है, तो इसके कारण वो डिजी-लॉकर या एम-परिवहन ऐप के जरिए डिजिटल दस्तावेज नहीं देख सकते हैं. ये कानून प्रवर्तन अधिकारियों को अपने एम-परिवहन या ई-चालान ऐप पर ड्राइविंग लाइसेंस विवरण या वाहन पंजीकरण विवरण की जांच करने की अनुमति देता है. एजेंसी वाहन लाइसेंस प्लेट नंबर दर्ज करके ये जानकारी प्राप्त कर सकती है.
अगर यातायात नियम तोड़ने पर चालक को चालान मिलता है, तो पुलिस अपराध के आधार पर ई-चालान भेजेगी,इसके साथ चालक इस जुर्माने का भुगतान राज्य सरकार द्वारा प्रदान किए गए विभिन्न ऑनलाइन ऐप के जरिए या विभिन्न शहरों में रखे गए विभिन्न चालान काउंटरों के द्वारा भी कर सकता है. साथ ही हालांकि ज्यादातर समय ई-चालान भुगतान प्रणाली के जरिए इन जुर्मानों का भुगतान करना सबसे अच्छा होता है.
Thalapathy: दलपति विजय की 69वीं फिल्म होगी आखिरी, राजनीतिक में करेंगे एंट्री