नई दिल्ली: सोमवार (15 जनवरी) को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में हंगामा (Ruckus in MCD) हो गया. दरअसल, एक विशेष सत्र में विपक्षी पार्षदों ने हंगामा किया. इस दौरान वे मेयर शेली ओबेरॉय की मेज पर चढ़ गए और कागजात फाड़ दिए. जानकारी के मुताबिक, यह सत्र पैनल के पुनर्गठित होने और दिल्ली के बाजारों […]
नई दिल्ली: सोमवार (15 जनवरी) को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में हंगामा (Ruckus in MCD) हो गया. दरअसल, एक विशेष सत्र में विपक्षी पार्षदों ने हंगामा किया. इस दौरान वे मेयर शेली ओबेरॉय की मेज पर चढ़ गए और कागजात फाड़ दिए. जानकारी के मुताबिक, यह सत्र पैनल के पुनर्गठित होने और दिल्ली के बाजारों में दुकानों को डी-सील करने तक स्थायी समिति की शक्तियों को सदन को सौंपने के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था. मालूम हो कि हंगामे के बाद सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है.
#WATCH | Delhi: Ruckus and sloganeering in MCD house. BJP councillors are demanding the formation of a standing committee. pic.twitter.com/MAg2XimAJr
— ANI (@ANI) January 15, 2024
बता दें कि एमसीडी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था में 8 सदस्यीय स्थायी समिति का पुनर्गठन पिछले 10 महीनों से लंबित है. इसी को लेकर विपक्षी सदस्य हंगामा (Ruckus in MCD) कर रहे थे और एक स्थायी समिति के गठन की मांग कर रहे थे. जैसे ही मेयर शैली ओबेरॉय ने सदन में प्रवेश किया, विपक्षी सदस्य ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘संविधान की हत्या बंद करो’ जैसे नारे लगाने लगे. उनमें से कुछ मेयर के सामने आकर उनकी मेज पर चढ़ गए और प्रस्ताव के कागजात फाड़ दिए. इसके बाद उन्होंने फटे हुए टुकड़ों को हवा में फेंक दिया.
वहीं, विपक्ष के नेता इकबाल सिंह ने सत्तारूढ़ आप की आलोचना करते हुए कहा कि स्थायी समिति की शक्तियों को सदन में निहित करना अवैध और असंवैधानिक होगा. इकबाल ने कहा कि सदन स्थायी समिति की शक्तियों को अपने अधिकार में नहीं ले सकता क्योंकि दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एक साल से अधिक समय से स्थायी समिति के अभाव के कारण एमसीडी में कई मामले लंबित हैं.
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