नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार की प्रमुख कृषि बीमा योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर सूचना के अधिकार कानून के तहत पता ये बात सामने आई है कि 2017-18 में इस योजना के तहत किसानों की संख्या घट गई लेकिन प्रीमियम में तीन गुना से ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की गई. 2017-18 में ग्रास प्रीमियम में तेज वृद्धि हुई जबकि फसल बीमा करा रहे किसानों की संख्या में गिरावट दर्ज हुई है. इस स्कीम को शुरू हुए तीन साल हो चुके हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक साल 2014-15 और 2015-16 की तुलना में प्रीमियम लगभग 348% बढ़कर 10,560 करोड़ रुपये से 47,408 करोड़ रुपये हो गया. वहीं काफी किसान इस योजना से बाहर निकल रहे हैं. 2016-17 में इस योजना के लिए नामांकित लोगों की संख्या 57 मिलियन थी जो 2017-18 में यह 48 मिलियन हो गई. बीमाकृत कुल फसल क्षेत्र भी इन वर्षों में 15% गिर गया.
चिंता का एक और गंभीर विषय है किसानों का फसल बीमा योजना से बाहर निकलना क्योंकि इसका मतलब यह हो सकता है कि यह योजना वास्तव में ठीक नहीं है. हालांकि किसानों की संख्या कम होने के पीछे इस योजना का लोकप्रिय या प्रचार न होना भी एक कारण हो सकता है.
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