स्वराज इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने एक आरटीआी ट्वीट की है. इसमें देश में कुल यूनिवर्सिटी के वीसी में एससी एसटी ओबीसी की संख्या के बारे में बताया गया है. आरटीआई के आंकड़े बताते हैं कि देश की कुल 496 यूनिवर्सिटी में सिर्फ 48 एससी एसटी और ओबीसी वाइस चांसलर हैं. इस आंकड़े के जरिए योगेंद्र यादव ने सोशल जस्टिस के बारे में सवाल उठाए हैं.
नई दिल्ली. सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) से मिली एक जानकारी से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. आरटीआई में खुलासा हुआ है कि देश की तमाम यूनिवर्सिटी में 496 वीसी हैं जिनमें मात्र 48 वीसी ही एससी, एसटी या ओबीसी हैं. ट्विटर पर यह जानकारी साझा करते हुए स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव लिखते हैं, ‘एससी+एसटी+ओबीसी की जनसंख्या 70 प्रतिशत है लेकिन इसके 10 प्रतिशत से भी कम वाइस चांसलर हैं, इनकी संख्या 496 में सिर्फ 48 है. क्या यही सामाजिक न्याय है?’ योगेंद्र यादव ने इस जानकारी को आधिकारिक बताते हुए शेयर किया है.
आरटीआई में जो आंकड़े बताए गए हैं उनके अनुसार साल 2015-16 में यूनिवर्सिटीज में कुल 496 वाइस चांसलर हैं. इनमें 6 एससी, 6 एसटी और 36 ओबीसी हैं. यह जानकारी 5 जनवरी 2018 को भेजी गई है. जिसपर 4 जनवरी को सीनियर स्टेटिकल ऑफिसर एल एन नायक के सिग्नेचर हैं. आरटीआई में जवाब मांगा गया था कि देश में कुल वाइस चांसलर में से कितने एससी एसटी और ओबीसी हैं. इसी सवाल के जवाब में यह जानकारी मिली है.
आरक्षण के बावजूद यूनिवर्सिटीज में वाइस चांसलरों की संख्या काफी चौंकाने वाली है. नब्बे के दशक में मंडल कमीशन लागू होने के बाद भी ओबीसी वीसी की संख्या सिर्फ 36 तक पहुंची है जबकि एससी एसटी को आरक्षण संविधान लागू होने के बाद से ही मिला हुआ है. इस संख्या के बारे में एक फैक्टर योग्यता का भी लिया जा सकता है लेकिन एससी एसटी और ओबीसी के उच्च शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. अकसर सामाजिक न्याय के लिए आंदोलन भी समय समय पर चलते रहे हैं. इसके बावजूद शैक्षणिक संस्थानों में उच्च स्तर तक एससी एसटी ओबीसी की भागीदारी उस अनुपात में नहीं हो पाई जितना जरूरत है.
So, it’s official: SC+ST+OBC= 70% in population, but less than 10% among Vice Chancellors (48 out of 496). Social justice? pic.twitter.com/8BolikQ6FH
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) January 13, 2018
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