अपने कपड़ों की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. सत्ता संभालते ही पीएम मोदी का एक डिजाइनर सूट काफी विवादों में रहा था. राहुल गांधी ने पीएम के इसी सूट को निशाना बनाते हुए बीजेपी सरकार को सूट-बूट की सरकार कहा था. आरटीआई कार्यकर्ता रोहित सभरवाल ने यह जानने के लिए सूचना के अधिकार के तहत RTI दायर की थी कि पीएम के कपड़ों का खर्च कौन वहन करता है. जिसके जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से यह जानकारी दी गई कि पीएम खुद अपनी सैलरी से अपने निजी कपड़ों का खर्च उठाते हैं. PMO ने साफ किया कि प्रधानमंत्री के निजी कपड़ों का खर्च सरकार वहन नहीं करती है.
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कपड़ों पर विपक्ष ने कई बार निशाना साधा है. 26 मई, 2014 को नरेंद्र मोदी ने पीएम पद की शपथ ली थी. कुछ समय बाद उनका एक सूट काफी विवादों में रहा. दरअसल यह कोई आम सूट नहीं था, इस सूट पर उनका पूरा नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी लिखा हुआ था. माना जा रहा था कि इस सूट की कीमत लाखों में थी. कांग्रेस ने पीएम मोदी के इस सूट की काफी आलोचना भी की थी. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उस समय इसी सूट को निशाना बनाते हुए बीजेपी सरकार को सूट-बूट की सरकार कहा था. फिलहाल एक आरटीआई के जरिए देश के प्रधानमंत्रियों द्वारा कपड़ों पर खर्च करने वाली रकम के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. इस संबंध में दायर की गई आरटीआई में खुलासा हुआ कि पीएम अपने कपड़ों पर होने वाला खर्च अपनी सैलरी से ही उठाते हैं. पीएम के कपड़ों का खर्च सरकार वहन नहीं करती है. RTI में मिले इस जवाब से पीएम मोदी के कपड़ों के साथ जुड़ा विवाद भी खत्म होता नजर आ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरटीआई कार्यकर्ता रोहित सभरवाल ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत यह जानकारी मांगी थी. रोहित सभरवाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से जानकारी मांगी थी कि 1998 से लेकर अब तक देश के प्रधानमंत्रियों के कपड़े पर कितना खर्च किया गया है. इस अवधि में NDA के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और UPA के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी आते हैं. जिसके जवाब में PMO की ओर से जानकारी दी गई कि मांगी गई सूचना व्यक्तिगत किस्म की है और इसे सरकारी रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया जाता है. PMO ने साफ किया कि प्रधानमंत्री के निजी कपड़ों का खर्च सरकार वहन नहीं करती है.
रोहित सभरवाल ने कहा कि मैंने लोगों तक सही संदेश पहुंचाने के लिए 9 दिसंबर, 2017 को इस संबंध में आरटीआई डाली थी, जिसका जवाब अब लोगों के सामने है. रोहित ने आगे कहा कि बहुत से लोगों को ऐसा लगता था कि पीएम मोदी के कपड़ों पर सरकारी खजाने से बड़ी रकम खर्च की जा रही है लेकिन आरटीआई से मिली जानकारी से अब लोगों का यह भ्रम दूर होगा. इस जानकारी के बाद बीजेपी ने कहा है कि विपक्षी दलों को अब समझ जाना चाहिए कि वह बेकार में हंगामा खड़ा कर रहे थे. बीजेपी नेताओं का मानना है कि अगर देश का पीएम अच्छे कपड़े पहनता है तो इससे देश की अच्छी छवि बनती है. पीएम मोदी ने एक बार डिजाइनर सूट पहना था जिसे बाद में 20 फरवरी, 2015 को नीलाम कर दिया गया था और उस रकम को ‘स्वच्छ भारत अभियान’ में खर्च किया गया था. पीएम के उस सूट को गुजरात के व्यापारी लालजीभाई तुलसीबाई पटेल ने 4 करोड़ 31 लाख 31 हजार 311 रुपये में खरीदा था.
रवीश कुमार का PM नरेंद्र मोदी को फेसबुक पर ओपन चेलेंज, कैमरा है माइक और पकोड़ा भी है, आई एम वेटिंग