नई दिल्ली: पिछले कुछ समय से देश में जाति जनगणना को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है. इस बीच अपने ही एक पदाधिकारी द्वारा जाति जनगणना के विरोध में दिए गए बयान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सफाई दी है. संघ (RSS On Caste Census) ने कहा है कि उनका मत है कि जाति […]
नई दिल्ली: पिछले कुछ समय से देश में जाति जनगणना को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है. इस बीच अपने ही एक पदाधिकारी द्वारा जाति जनगणना के विरोध में दिए गए बयान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सफाई दी है. संघ (RSS On Caste Census) ने कहा है कि उनका मत है कि जाति जनगणना का उपयोग समाज के उत्थान के लिए किया जाना चाहिए.
हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी श्रीधर गडगे ने जाति आधारित जनगणना की आचोलना की थी. उन्होंने कहा था कि राजद ने जाति जनगणना का मुद्दा केवल संघ और भाजपा पर पिछड़े वर्गों के प्रति नकारात्मक विचारधारा रखने का आरोप लगाने के लिए उठाया है. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था कि जाति आधारित जनगणना कुछ लोगों को राजनीतिक फायदा पहुंचा सकता है लेकिन यह सामाजिक और राष्ट्रीय एकता के लिए जरूरी नहीं है.
— Sunil Ambekar (@SunilAmbekarM) December 21, 2023
वहीं, जब मुद्दा गरमाया तो संघ (RSS On Caste Census) ने इस पूरे मामले पर सफाई दी है. संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरुवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा है कि जाति आधारित जनगणना का प्रयोग समाज के समग्र विकास के लिए किया जाना चाहिए. इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इससे सामाजिक सद्भाव और एकता खंडित न हो. उन्होंने कहा कि अलग- अलग सरकारें पिछड़े वर्ग के लोगों के विकास, उत्थान और सशक्तिकरण के लिए समय-समय पर अनेक योजनाएं लाती हैं और संघ इसका पूर्ण समर्थन करता है.
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