नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखा है। पत्र में केजरीवाल ने उनसे एजेंसियों का दुरुपयोग और PM मोदी के रिटायरमेंट समेत 5 बड़े सवाल किए है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है “मैं यह पत्र राजनीतिक पार्टी के मुखिया के हैसियत से नही […]
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखा है। पत्र में केजरीवाल ने उनसे एजेंसियों का दुरुपयोग और PM मोदी के रिटायरमेंट समेत 5 बड़े सवाल किए है। पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है “मैं यह पत्र राजनीतिक पार्टी के मुखिया के हैसियत से नही बल्की एक आम नागरिक के तौर पर लिख रहा हूं। जिस दिशा में भाजपा की केंद्र सरकार इस दिशा की राजनीति को ले जा रही है, मैं उसे लेकर चिंतित हूं…इस देश के तिरंगे को आसमान में गर्व से लहराना चाहिए।
1. पूरे देश में दूसरे दलों के नेताओं को तरह-तरह के प्रलोभन देकर या ईडी-सीबीआई की धमकी देकर उनकी पार्टियों को तोड़ा जा रहा है और दूसरे दलों की सरकारें गिराई जा रही हैं। क्या इस तरह से चुनी हुई सरकारों को गिराना देश और देश के लोकतंत्र के लिए सही है? क्या आप या आरएसएस किसी भी तरह की बेईमानी से सत्ता हासिल करने को मंजूरी देते हैं?
2. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से देश के कुछ नेताओं को भ्रष्ट कहा और उसके कुछ दिनों बाद ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल कर लिया गया। क्या आपने या आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ऐसी भाजपा की कल्पना की थी? क्या आपको ये सब देखकर दुख नहीं होता?
3. बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जिसका जन्म आरएसएस की कोख से हुआ है। अगर बीजेपी गुमराह है तो उसे सही रास्ते पर लाना आरएसएस की जिम्मेदारी है। क्या आपने कभी प्रधानमंत्री को ये सब गलत काम करने से रोका है?
4. जेपी नड्डा जी ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि बीजेपी को अब आरएसएस की जरूरत नहीं है। आरएसएस एक तरह से बीजेपी की मां है। क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि मां को आंख दिखाने लगा? देश जानना चाहता है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या असर हुआ?
5. आप सबने मिलकर एक कानून बनाया कि बीजेपी के नेता 75 साल की उम्र के बाद रिटायर हो जाएंगे। इस कानून के तहत आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी जैसे कई बड़े बीजेपी नेताओं को रिटायर कर दिया गया। अब अमित शाह जी कहते हैं कि वह कानून मोदी जी पर लागू नहीं होगा। क्या आप इस बात से सहमत हैं? क्या कानून सबके लिए समान नहीं होना चाहिए?
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