नई दिल्ली। मंगलवार को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ विजयादशमी के दिन अपना 95वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर पर संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम धर्म की मर्यादा हैं। उन्होंने कहा कि हमें उनके चरित्र का अनुसरण करना चाहिए जिससे […]
नई दिल्ली। मंगलवार को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ विजयादशमी के दिन अपना 95वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस अवसर पर संघ के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम धर्म की मर्यादा हैं। उन्होंने कहा कि हमें उनके चरित्र का अनुसरण करना चाहिए जिससे देश को कट्टरता से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कट्टरता से धार्मिक उन्माद पैदा होता है।
मोहन भागवत ने कहा कि हर साल भारतवासियों का गौरव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जी20 समिट में भारतीयों के आतिथ्य का पूरी दुनिया ने अनुभव किया। भगवत ने कहा कि दुनिया ने भारत की उड़ान और हमारे मन की सद्भावना को देखा। उन्होंने काह कि दुनिया ने हमारी राजनीतिक कुशलता देखी और पहली बार वसुधैव कुटुंबकम की बात हुई। मोहन भागवत ने कहा कि करुणा के वैश्विकरण की बात की गई। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने एशियाई खेलों में 107 मेडल जीते। भागवत ने कहा कि हमारा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
हमारे संविधान के पहले पन्ने पर जिनका फोटो है, उनके भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या में हो रहा है, 22 जनवरी को उसका लोकार्पण होना है। उन्होंने कहा कि हम सभी तो नही जा पाएंगे, लेकिन हमारे आसपास के मंदिरों में हम जा सकते हैं और देश में धार्मिकता का वातावरण बने ऐसा प्रयास हम कर सकते हैं। भागवत ने कहा कि भारत का अमृतकाल हमको देखने को मिल रहा है। भागवत ने कहा कि सृष्टि विविध बनी है और विविध ही रहेगी। उन्होंने कहा कि स्वार्थ रहता है और कट्टरपंथ भी रहेगा ही।