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RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिमों को कहा, “भारत में डरने की जरूरत नहीं”

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS ) के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के मुसलमानों को भारत में बिना डरे रहने की सलाह दी है। आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य को दिए इंटरव्यू में भागवत ने कहा कि भारत में मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने की मानसिकता […]

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Mohan Bhagwat
  • January 11, 2023 8:33 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS ) के प्रमुख मोहन भागवत ने भारत के मुसलमानों को भारत में बिना डरे रहने की सलाह दी है। आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य को दिए इंटरव्यू में भागवत ने कहा कि भारत में मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने की मानसिकता से परहेज करना होगा। भागवत ने कहा, हिंदुस्तान, हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। भारत में रह रहे मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है, ना ही इस्लाम को कोई खतरा है। लेकिन मुसलमानों को वर्चस्व की अपनी गलत बयानबाजी से परहेज करना चाहिए।

हिंदू ही हमारी पहचान

मोहन भागवत द्वारा दिए गए इटंरव्यू में उन्होंने हिंदू को पहचान और राष्ट्रीयता के साथ जोड़ा है। भागवत ने कहा हिंदू हमारी पहचान, राष्ट्रीयता और सबको अपना मानने और साथ लेकर चलने की प्रवृति है। हिंदुस्तान, हिंदुस्तान बना रहे, सीधी सी बात है। इससे आज भारत में जो मुसलमान है, उन्हें कोई नुकसान नहीं है, वह रहना चाहते है रहे। अगर वो अपने पूर्वजों के पास वापस आना चाहते है तो आए उनका मन है।

हिंदू के उत्थान से देश के सभी लोग सुखी

जनसंख्या नीति को लेकर पूछे गए सवाल पर भागवत ने कहा कि, “पहले हिंदू को यह समझ में आए कि हिंदू आज बहुमत में है और हिंदू के उत्थान से इस देश के सब लोग सुखी होंगे। जनसंख्या एक बोझ भी है और उपयोगी चीज भी।

उन्होंने कहा हिंदू हमारी पहचान है, हमारी राष्ट्रीयता है, हमारी सभ्यता की विशेषता है – एक ऐसा गुण जो सभी को अपना मानता है, सभी को अपने साथ लेकर चलता है। हम कभी नही कहते है कि सिर्फ हमारा सत्य ही सत्य है और तुम्हारा मिथ्या। आप अपनी जगह पर अच्छे हो, हम अपनी जगह पर अच्छे है। इसके लिए लड़ाई क्यों, चलिए साथ आगे बढ़े- यही हिंदुत्व है।

LGBT समुदाय का किया समर्थन

मोहन भागवत ने LGBT समुदाय का समर्थन करते हुए कहा कि, “LGBT समुदाय का भी अपना निजी स्थान होना चाहिए और संघ इस विचार को आगे भी बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, “ऐसे झुकाव वाले लोग हमेशा से रहे है। जब तक मनुष्य का अस्तित्व है, ऐसे लोग भी रहेंगे। यह जीवन का एक तरीका है। हम चाहते हैं कि उनका अपना निजी स्थान हो उन्हें यह महसूस हो कि वे भी समाज का एक हिस्सा है।

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