RSS प्रमुख मोहन भागवत की इस बयान से हो रही चौतरफा तारीफ

नई दिल्ली। मस्जिदों को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने-सामने हैं। इसकी आग अब दूसरे राज्यों में भी पहुंच चुकी है। ऐसा ही दावा कर्नाटक की जामा मस्जिद को लेकर किया गया है और कुतुब मीनार और ताजमहल के सर्वे की मांग भी उठ रही है। इसी बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का एक बयान […]

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RSS प्रमुख मोहन भागवत की इस बयान से हो रही चौतरफा तारीफ

Pravesh Chouhan

  • June 4, 2022 1:02 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। मस्जिदों को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष आमने-सामने हैं। इसकी आग अब दूसरे राज्यों में भी पहुंच चुकी है। ऐसा ही दावा कर्नाटक की जामा मस्जिद को लेकर किया गया है और कुतुब मीनार और ताजमहल के सर्वे की मांग भी उठ रही है। इसी बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का एक बयान सुर्खियों में आया है। उन्होंने कहा है कि हर मस्जिद में शिवलिंग खोजना सही नहीं है। उनके इस बयान का कई पार्टियों ने स्वागत किया है। इसमें कई विपक्षी दल भी शामिल हैं।

जानिए संघ प्रमुख ने क्या कहा था

संघ शिक्षा वर्ग के तीसरे वर्ष 2022 के समापन समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में थे। उन्होंने यहां जो भाषण दिया उसकी हर जगह चर्चा हो रही है। संघ प्रमुख ने कहा, इतिहास वह है जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे न तो आज के हिंदुओं ने बनवाया और न ही आज के मुसलमानों ने, यह उस समय हुआ था..हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों खोजा जाए?… यह सही नहीं है। हम विवाद को क्यों बढ़ाना चाहते हैं? हमें हर दिन एक नया केस नहीं लाना चाहिए।

शिवसेना ने क्या कहा?

शिवसेना ने संघ प्रमुख के बयान का स्वागत किया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं। यह दिन-प्रतिदिन की अराजकता समाप्त होनी चाहिए, अन्यथा देश को भुगतना होगा। मस्जिदों में शिवलिंग खोजने की बजाय हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि कैसे कश्मीरी पंडितों की जान बचाई जा सकती है।

क्या है जदयू का रूख?

जदयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री बिजेंद्र प्रसाद ने कहा, देश बेवजह के विवादों में फंस रहा है। कानून में हर समस्या का समाधान है, लेकिन धर्म के नाम पर बेवजह तनाव बढ़ाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

देवबंद के उलेमा ने क्या कहा?

देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी ने भी संघ प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सभी देशवासी चाहते हैं कि देश में शांति और सद्भाव कैसे बहाल हो। मंदिर-मस्जिद की राजनीति में उलझे तो देश बर्बाद हो जाएगा।

 

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