लक्ष्मण राव इनामदार को मोदी का गुरू और संरक्षक माना जाता है, ये वो प्रचारक हैं, जो नरेन्द्र मोदी को संघ में लेकर आए. ये नाम होते तो मोदी संघ से ना जुड़ते. सहकार भारती द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बताया कि सहकारिता की गतिविधि प्राचीन समय में भारत से ही चली है, लक्ष्मण राव इनामदार वर्तमान में सहकार भाव के प्रणेता थे.
गुरुग्राम: राष्ट्रीय सहकारी अनुसंधान एवं विकास अकादमी को सहकार भारती के संस्थापक लक्ष्मण राव इनामदार का नाम आज गुरुग्राम स्थित एनसीडीसी के प्रांगण में उनके जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित सहकार सम्मलेन में दिया गया. ये एनसीडीसी के ट्रेनिंग सेंटर की बतौर काम करेगा. लेकिन ये कार्यक्रम इसलिए आम आदमी की दिलचस्पी की वजह बन गया, जब इसका नामकरण लक्ष्मण राव इनामदार के नाम पर किया गया. लक्ष्मण राव इनामदार को मोदी का गुरू और संरक्षक माना जाता है, ये वो प्रचारक हैं, जो नरेन्द्र मोदी को संघ में लेकर आए. ये नाम होते तो मोदी संघ से ना जुड़ते.
हालांकि इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने इस रिश्ते का जिक्र नहीं किया. सहकार भारती द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बताया कि सहकारिता की गतिविधि प्राचीन समय में भारत से ही चली है, लक्ष्मण राव इनामदार वर्तमान में सहकार भाव के प्रणेता थे. जो सहकारी संस्थाएं इससे पूर्व चल रही थीं उनसे गरीबों की बजाय खुद चलाने वालों का ही उद्धार हो रहा था. यह देखते हुए लक्ष्मण राव इनामदार ने 1978 में सहकार भारती की स्थापना की. भागवत ने कहा कि एक स्वाभिमानी राष्ट्र तभी बन सकता है जब समाज सरकार पर आश्रित न होकर आपसी सहयोग और सहकार के माध्यम से सक्षम बने. निष्क्रिय बैठे रहने और अपनी हर जरूरत के लिए सरकार की राह देखते रहने वाला समाज हमको नहीं चाहिए.
इस मौके पर संघ प्रमुख के अलावा केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे. हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया इस मौके पर पीएम मोदी और लक्ष्मण राव इनामदार का कनेक्शन. उनके मुताबिक लक्ष्मण राव इनामदार सहकार भारती के पहले महासचिव थे, इससे पूर्व वह गुजरात के प्रान्त प्रचारक थे, प्रधानमंत्री मोदी उन्हीं के तैयार किये स्वयंसेवक हैं.
अभी तक संघ के इस संगठन सहकारिता भारती को काफी कम जाना जाता है, आम तौर पर आंदोलनों के बजाय गुपचुप लगे रहना वाला ये संगठन विवादों में भी नहीं आता, इसी के चलते मीडिया भी दिलचस्पी नहीं लेती और आम जनता भी इसके बारे में नहीं जान पाती. लेकिन पहली बार लोगों को ये पता चलेगा कि इस संगठन का पहला मेंटर पीएम मोदी का भी मेंटर रहा है, तो अब लगता है लोगों की इस संगठन में दिलचस्पी बढ़ सकती है.
मौलाना का गिरिराज सिंह को जवाब, राम के नहीं, मोहम्मद साहब के वंशज हैं मुसलमान