नई दिल्ली। इस समय जहाँ भाजपा गुजरात चुनावों एवं अन्य जगहों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर तनाव महसूस कर रही होगी तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश से उसके लिए बड़ी खबर सामने आई है रालोद के कुछ दिग्गज नेताओं ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है, इस खबर से भाजपा के […]
नई दिल्ली। इस समय जहाँ भाजपा गुजरात चुनावों एवं अन्य जगहों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर तनाव महसूस कर रही होगी तो वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश से उसके लिए बड़ी खबर सामने आई है रालोद के कुछ दिग्गज नेताओं ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है, इस खबर से भाजपा के आत्मविश्वास में कुछ तो बढ़ोत्तरी हुई होगी।
कुछ ही दिन बीतते हैं कि दल बदलने का सिलसिला जारी हो जाता है सभी दलों के नेता लगातार भाजपा की सदस्यता लेते जा रहे हैं। हम आपको बता दें कि, मौजूदा समय में भी राष्ट्रीय लोक दल के कुछ नेताओं ने भाजपा की सदस्यता लेकर रालोद के समक्ष अपना इस्तीफा पटक दिया है।
रालोद के नेताओं का पार्टी को छोड़ना सिर्फ जयंत चौधरी के लिए ही नहीं बल्कि अखिलेश यादव के लिए भी आधातपूर्ण साबित होगा। रालोद के इन नेताओं का पार्टी छोड़ना कहीं न कहीं खतौली में होने वाले उपचुनावों को भी प्रभावित करेगा।
रालोद को छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले नेताओं की सूची लम्बी है इस सूची में वरिष्ठ नेताओं का भी नाम दर्ज है। हम आपको बता दें कि, भाजपा से प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने रालोद के वरिष्ठ नेता व पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह, क्षेत्रिय संगठन महासचिव भोपाल सिंह गुर्जर, पूर्व विधायक सुदेश शर्मा, पूर्व प्रत्याशी केके शुक्ला समेत कई नेताओं को पार्टी में शामिल करने की घोषणा की है।
उस मौके पर उन्होने कहा कि, भाजपा किसी को तोड़ने का काम नहीं कर ही है बल्कि भाजपा लोगों को जोड़ने का काम कर रही है। लोग भाजपा में किसी स्वार्थ को लेकर नहीं बल्कि उसकी विचारधारा से प्रभावित होकर आते हैं। उन्होने कहा कि, चौधरी चरण सिंह का वह सम्मान करते हैं, वही किसानों के मसीहा थे। लेकिन जयंत चौधरी सही रास्ते पर नहीं चल रहे हैं।