नई दिल्ली. भाजपा वाली नरेंद्र मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सवर्ण आरक्षण बिल को आज लोकसभा में पेश किया गया था. मोदी सरकार के इस बड़े दांव के साथ ही राज्यसभा की कार्यवाही को एक दिन के लिए बढ़ाया भी गया है. लोकसभा में बहस के दौरान लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस बिल का विरोध किया.
लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के सांसद जय प्रकाश यादव ने सवर्ण आरक्षण बिल का विरोध करते हुए कहा कि सवर्ण आरक्षण बिल धोखा है. उन्होंने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी को मिलने वाले 49.5 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 85 फीसदी किया जाए. साथ ही जय प्रकाश यादव ने नारा दोहराते हुए कहा कि जितनी जिसकी हिस्सेदारी, उसको उतनी भागेदारी. आरजेडी ने इस विधेयक को धोखा बताया.
बता दें लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने भी इस मामले पर ट्विट कर कहा था कि अगर 15 फ़ीसदी आबादी को 10% आरक्षण तो फिर 85 फ़ीसदी आबादी को 90% आरक्षण हर हाल में मिलना चाहिए. 10% आरक्षण किस आयोग और सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर दिया जा रहा है? सरकार विस्तार से बतायें. कुल मिलाकर आरजेडी ने इस बिल का विरोध किया है. वहीं बसपा प्रमुख व दलित नेता मायावती ने मोदी सरकार के इस दांव को छलावा बताया व कहा कि वह इसका समर्थन करती हैं.
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