नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार, 21 अप्रैल को कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर सवाल खड़े किए थे. पीएम ने रविवार को कहा था कि अगर केंद्र की सत्ता में कांग्रेस आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी.
पीएम ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कहा , जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है
पीएम के इस बयान पर जमकर सियासत हो रही है. इसी बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने फैसला किया है कि वो घोषणापत्र की एक कॉपी प्रधानमंत्री मोदी को सौपेंगे. कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने कहा कि चुनाव सामंजस्यपूर्ण मानसिकता के साथ लड़ा जाना चाहिए. इसकी शुरूआत प्रधानमंत्री से ही होनी चाहिए.
केसी वेणुगोपाल ने आगे कहा कि वह(प्रधानमंत्री मोदी) हर चीज के बारे में झूठ बोल रहे हैं और पूरी तरह से कांग्रेस के घोषणापत्र को गलत बता रहे हैं. इसीलिए हमने घोषणापत्र पीएमओं को भेजने का फैसला किया है. वह(पीएम मोदी) अब घबरा रहे हैं कि भारत का मूड बदल रहा है, इसलिए वह यह सब कर रहे हैं
मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी से मुलाकात करने का समय मांगा है. वो पीएम से मिलकर उन्हें घोषणापत्र की कॉपी सौंपने वाले हैं.
पीएम मोदी के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश की 140 करोड़ जनता अब इस झूठ के झांसे में नहीं आने वाली है. हमारा घोषणापत्र हर भारतीय के लिए है. सबकी बात है. यह सार्वजनिक न्याय की बात करता है. कांग्रेस का न्याय पत्र सच की बुनियाद पर रूका हुआ है, ऐसा लगता है कि गोएबल्स रूपी तानाशाह की कुर्सी अब डगमगा रही है.
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