Rights of voters at Polling Station: भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और यहां हर उस व्यक्ति को वोट डालने का अधिकार है जिसकी उम्र 18 साल और उससे ज्यादा है. आज लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण का मतदान है. आज यानी गुरुवार 11 अप्रैल को 20 राज्यों की 91 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. इस सबके बीच मतदाता जानें कि वे कैसे अपने वोटिंग राइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं और पोलिंग बूथ पर किस तरह वोट डालें और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखें. जानें पूरी डिटेल्स.
नई दिल्ली:आज से लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग शुरू हो गई है. जहां आज 20 राज्यों की 91 सीटों पर वोटिंग जारी है. इसके साथ ही इस बार लोकसभा की 543 सीटों के लिए सात चरणों में चुनाव हो रहे हैं. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. यहां की सरकार हर पाँच साल के अंतराल पर चुनाव के जरिए से चुनी जाती है. देश के सभी नागरिक इस चुनावी प्रक्रिया में भारी मात्रा और सीधे तौर पर भाग लेते हैं. सबसे पहले आप ये जान लिजिए कि भारतीय संविधान के अनुसार देश में नियमित तौर पर, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने का अधिकार केलव निर्वाचन आयोग को पास ही होता है.
इसके अलावा चुनाव आयोजित करने और चुनाव के बाद के होने वाले विवादों से संबंधित सभी तरह के विषयों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है और विश्व के सबसे बड़े इस लोकतांत्रिक देश भारत में आम नागरिकों के पास सबसे बड़ा अधिकार मतदान का है.
भारत का वो हर नागरिक जिसकी उम्र 18 साल या इससे ज्यादा है, उसे अपनी मर्जी से देश की सरकार चुनने का पूरा अधिकार है और ये अधिकार हर मतदाता को भारत का संविधान देता है. उसे हर पांच साल में अपने देश और प्रदेश के साथ ही नगर निकाय और पंचायत के प्रतिनिधियों को चुनने का भी उतना ही अधिकार मिलता है. इतना ही मतदान आपको आपका अधिकार भले ही कहा जाता है लेकिन ये हर नागरिक का उसके देश के प्रति मौलिक कर्तव्य भी होता है.
देश में मतदान का अधिकार
भारत के संविधान के मुताबिक भारत का हर नागरिक जिसकी उम्र 18 साल या इससे ज्यादा है मतदान करना उसका आधिकार और अपने देश के प्रति कर्तव्य भी है. वहीं केलव 18 साल उम्र होने से भी आप वोट डालने के हकदार नहीं हो जाती उसके लिए आपको पहले भारत के संविधान के कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है. इसके लिए आपको 18 साल उम्र होने पर अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाना होगा और अपना वोटर आईडी कार्ड भी बनवाना होगा.
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अगर इन दोनों में एक भी चीज आपके पास नहीं होगी तो आप लोकतंत्र के इस चुनावी पर्व का हिस्सा नहीं बन पाएंगे. इसलिए चुनाव से पहले अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाकर वोटर आईडी कार्ड बनवाएं और अपने मतअधिकार का प्रयोग करें.
अपने निर्धारित स्थान से ही कर सकते हैं वोट
वोट का अधिकार हर किसी को हैं. लेकिन लोग कहीं से भी वोट नहीं डाल सकते हैं. मतलब आप अपने मतअधिकार का इस्तमाल केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में निर्धारित बूथ पर ही कर सकते हैं और चुनाव आयोग हर मतदाता को उसके निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकृत होने का अधिकार देता है. इसके साथ ही प्रतेक व्यक्ति का एक ही निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकृत हो सकता है. इसके अलाव आप अपने स्थायी या अस्थायी निवास में से किसी एक ही जगह पर वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकता है.
इतना ही नहीं ही हर मतदाता को ये अधिकार भी है कि वो अपने चुनाव क्षेत्र को भी बदल सकता हैं. जी हां, वे जिस भी चुनावी क्षेत्र में अस्थायी रूप से रह रहा है वहां अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकता है, लेकिन नाम जुडऩे के पहले ही आपको अपना नाम पुरानी वोटर लिस्ट से कटवाना अनिवार्य होगा.
मतदाताओं के लिए नोटा का अधिकार
वहीं इससे पहले अब तक मतदाताओं के पास दो ही विकल्प हुए करा करते थें, या तो वे मतदान करें या इसका बहिष्कार करके वोट डालने न जाएं, जो मतदान का अपमान होता था. वहीं अगर वे मतदान करने जाते थे तो उनको चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में से किसी एक को चुनना ही होता था, लेकिन अब ईवीएम मशीन में नोटा का बटन भी जोड़ा गया है. ये मतदाताओं को अधिकार देता है कि वे चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को खारिज कर नोटा का बटन भी दबा सकते हैं, जिसका मतलब होता आप किसी को नहीं चुनना चाहते.
इसके अलावा नोटा का बटन दबाकर भी मतदाता राजनीतिक दलों को ये बता सकता है कि उनके प्रत्याशियों के बारे में उनकी क्या राय है. हालांकि नोटा अभी तक प्रत्याशियों का कुछ बिगाड़ नहीं सकता. इसके अलाव ये भी हो सकता है कि आने वाले समय में नोटा को लेकर कुछ और नियम भी बन जाएं.
मतदाता मतदान केंद्र में नहीं लेजा सकते ये सामान
मतदाताओं को मतदान के अधिकारों के साथ-साथ ये भी ध्यान रखना चाहिए कि आप मतदान केंद्रों क्या ले जा सकते हैं और क्या नहीं. जैसे आप मतदान केंद्रों पर मोबाइल नहीं ले जा सकती इसकी सख्त मनाही है. साथ ही आपको अपना मोबाइल मतदान केंद्र पर तैनात पीठासीन अधिकारी के पास जमा कराना होगा तब ही आप अंदर जा कर वोट कर सकते हैं. इसके अलावा जब तक किसी भी प्रकार की आपातकालीन समस्या नहीं होती है तब तक कोई भी पुलिस अधिकारी को मतदान केंद्र में अंदक जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग की ओर से दिए गए निर्देश के अनुसार मतदान केंद्र में एक साथ तीन से चार मतदताओं को बुथ में अंदर जाने की अनुमति नहीं है. साथ ही मतदाता अपने साथ किसी भी तकह का कोई हथियार और लिक्विड आइटम्स भी मतदान केंद्र नहीं ले जा सकता.