भारत के सबसे अमीर विधायक: कर्नाटक के एमएलए क्यों हैं देश के सबसे अधिक पैसा वाले नेता?

कर्नाटक के विधायक देश के सबसे अमीर विधायकों में आते हैं. राज्य के कुल 222 विधायकों में से 90 प्रतिशत विधायकों की सालाना औसत आय 1.11 करोड़ रुपये है. इन सभी विधायकों की इस कमाई के मुख्य स्रोत रियल एस्टेट, माइनिंग और शिक्षा जैसे क्षेत्र हैं.

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भारत के सबसे अमीर विधायक: कर्नाटक के एमएलए क्यों हैं देश के सबसे अधिक पैसा वाले नेता?

Aanchal Pandey

  • September 19, 2018 4:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. साल 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए टिकट से बंटवारे के समय तीन क्षेत्रों में व्यापार करने वाले विधायकों के बीच कड़ी टक्कर देखी गई. ये क्षेत्र थे रियल एस्टेट, माइनिंग और शिक्षा. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के विधायक अन्य राज्यों के विधायकों की तुलना में कई गुना अमीर हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के कुल 222 विधायकों में से 90 प्रतिशत की औसत सालाना आय 1.11 करोड़ रुपये है. इन अमीर विधायकों में से 65 विधायक रियल एस्टेट के व्यापार में हैं, 30 माइनिंग और ग्रेनाइट में हैं जबकि अन्य 25 शिक्षा से जुड़े क्षेत्रों से पैसे कमाते हैं. इनमें सबसे अधिक एमएलए कांग्रेस पार्टी के हैं.

बेंगलुरु में रियल एस्टेट का व्यापार बेल्लारी के माइनिंग सेक्टर से आगे निकल चुका है. अनेकल के एक विधायक के साथ बेंगलुरु के 27 विधायक इसी कारोबार में हैं. इनमें जाने माने नेताओं की बात करें तो इनमें उद्योग मंत्री केजे जॉर्ज, विजय नगर से विधायक और पूर्व मंत्री एम कृष्णप्पा और बोमन्नाहल्ली से विधायक सतीश रेड्डी शामिल हैं. वहीं भाजपा नेता बी श्रीरामुल्लू, कांग्रेस विधायक आनंद सिंह और बी नागेंद्र बेल्लारी के माइनिंक के कारोबार में हैं.

इसके अलावा राज्य के उप-मुख्यमंत्री जी परमेश्वर, मंत्री डीके शिवकुमार, आरवी देशपांडे और पूर्व मंत्री शमानूर शिवशंकरप्पा, भाजपा के राज्य अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा और विधान परिषद अध्यक्ष बसवराज होरट्टी शिक्षा व्यवसाय में शामिल हैं. लंबे समय तक कर्नाटक चुनाव में शराब व्यापार की खास अहमियत थी लेकिन साल 2000 में कर्नाटक राज्य पेयजल निगम लिमिटेड की स्थापना के बाद से ये संभव नहीं हो सका. इलरे बाद ग्रेनाइट, माइनिंग और शिक्षा के व्यवसाय राजनेताओं के लिए बड़ी ताकत बनकर उभरे.

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