नई दिल्ली। संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन में वृद्धि होते दिख रही है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी तिमाही रोजगार सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह रूख दिखाई दे रही है. वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए गुरुवार को रोजगार सर्वेक्षण जारी किया गया, जिसके अनुसार वित्त वर्ष 21-22 […]
नई दिल्ली। संगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन में वृद्धि होते दिख रही है. श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी तिमाही रोजगार सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह रूख दिखाई दे रही है. वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए गुरुवार को रोजगार सर्वेक्षण जारी किया गया, जिसके अनुसार वित्त वर्ष 21-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की तुलना में इस अवधि में चार लाख नए रोजगार सृजित हुए.
इस सर्वेक्षण में विनिर्माण, निर्माण, व्यवसाय, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, होटल और रेस्तरां, आईटी-बीपीओ और वित्तीय सेवाओं जैसे नौ क्षेत्रों को मुख्य रूप से शामिल किया गया है. सर्वेक्षण में 10 या अधिक श्रम क्षमता वाली 10,834 इकाइयों को शामिल किया गया. वर्ष 2013-14 के बाद स्थापित इकाइयों को सर्वेक्षण में शामिल नहीं किया गया.
श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को अपने ट्वीट में कहा कि रोजगार सर्वेक्षण के तीसरे दौर (अक्टूबर-दिसंबर) में संगठित क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि का रुझान है. पिछले साल अक्टूबर-दिसंबर के बीच नौ संगठित क्षेत्रों में 3.14 करोड़ लोगों को रोजगार मिला था, जबकि पिछली तिमाही में इन जगहों पर 3.10 करोड़ लोग कार्यरत थे.0रिपोर्ट के अनुसार, 85 प्रतिशत से अधिक श्रमिक नियमित कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं. विनिर्माण क्षेत्र सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसमें 39% कार्यबल कार्यरत है. इसके बाद 22 प्रतिशत श्रमिकों को शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार मिला है.
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 23.55 प्रतिशत इकाइयां अपने श्रमिकों को उनके काम के बारे में प्रशिक्षित करती हैं. नौ क्षेत्रों में, 34.87 प्रतिशत स्वास्थ्य क्षेत्र की इकाइयाँ नौकरी प्रशिक्षण प्रदान करती हैं. इसके बाद आईटी-बीपीओ हैं, जिनकी 31.1 फीसदी इकाइयां प्रशिक्षण देती हैं. सभी नौ क्षेत्रों में लगभग 1.85 लाख रिक्तियां उपलब्ध हैं.85.3 प्रतिशत नियमित कर्मचारी हैं और 8.9 प्रतिशत ठेका मजदूर हैं.
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