कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने 2016 में हुई शिक्षक भर्ती को रद्द कर दिया. इसके साथ ही अवैध नियुक्ति पर कार्य कर रहे शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी को भी लौटाने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस देवांग्शु बसाक और जस्टिस शब्बर रसीदी की बेंच ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) से नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कैंसर पीड़ित सोमा दास की नौकरी सुरक्षित रहेगी.
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैरकानूनी बताया है. उन्होंने कहा है कि हम उन लोगों के साथ में खड़े रहेंगे जिनकी नौकरियां गईं हैं. बीजेपी के लोग न्यायपालिका के फैसलों को प्रभावित कर रहे हैं. हम उच्च न्यायालय के इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 2014 में WBSSC के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टॉफ को भर्ती किया था. उस दौरान 24 हजार से अधिक रिक्त पदों के लिए 23 लाख से ज्यादा लोगों ने भर्ती परीक्षा दी थी.
बता दें कि इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपये तक की घूस लिए जाने का आरोप है. मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को काफी शिकायतें मिली थीं. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान दिया गया. वहीं, कुछ उम्मीदवारों का नाम मेरिट लिस्ट में न होने पर भी उन्हें नौकरी दी गई. भर्ती में अनियमितता मामले सीबीआई ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और एसएससी के कुछ अधिकारियों की गिरफ्तारी की थी.
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