सेवानिवृति की उम्र: मुंबईः देश में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ने की खबर चर्चा में है। एक सर्वे के अनुसार साल 2047 तक भारत की 14 करोड़ की आबादी 60 साल या उससे अधिक उम्र के होने की संभावना है। इसी वजह से पेंशन फंड पर काफी दबाव बढ़ने के आसार है। इकोनॉमिक टाइम्स के एक […]
मुंबईः देश में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ने की खबर चर्चा में है। एक सर्वे के अनुसार साल 2047 तक भारत की 14 करोड़ की आबादी 60 साल या उससे अधिक उम्र के होने की संभावना है। इसी वजह से पेंशन फंड पर काफी दबाव बढ़ने के आसार है।
इकोनॉमिक टाइम्स के एक सर्वे के अनुसार ईपीएफओ का कहना है कि आने वाले समय में देश में अधिक उम्र के लोगों की जनसंख्या में हिस्सेदारी बढ़ने और लंबे जीवन को लेकर परिस्थितियां और अनुकूल होने से सेवानिवृति की सीमा को बढ़ाने की जरूरत है। निकट भविष्य में देश की पूरी आबादी का एक बड़ा हिस्सा सेवानिवृत्ति की सीमा पर पहुंचेगा। जिससे पेंशन फंड पर काफी बोझ बढ़ेगा। इससे निपटने के लिए अभी से उचित कदम उठाने की जरूरत है।
ईपीएफओ के विजन डॉक्यूमेंट 2047 के मुताबिक रिटायरमेंट की न्यूनतम उम्र सीमा को बढ़ाना ऐसी परिस्थितियां झेल चुके दूसरे देशों को मिले सीख के अनुसार ही होगा। यह पेंशन सिस्टम को और व्यवहारिक बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। भविष्य में पेंशन फंड पर दबाव बढ़ने की इस स्थिति से निकलने के लिए ईपीएफओ उम्र सीमा बढ़ाने का सुझाव देने के बारे में सोच रहा है।
अभी तक भारत में सरकारी एवं निजी क्षेत्रो में सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 58 से 65 के बीच है। सेवानिवृत्ति लोगों की संख्या बढ़ने से रिटायरमेंट से जुड़े फायदे और पेंशन के लिए खर्च भी बढ़ेगा। फिर भी जीवन स्तर बेहतर होने से लोग लंबे समय तक काम करने के लिए खुद को स्वस्थ रख पाएंगे। उम्र सीमा बढ़ने के साथ कार्यकाल भी बढ़ेगा। इसके साथ ही ईपीएओ में अपनी जमा राशि बढ़ाने और उसके प्रबंधन के बेहतर अवसर शामिल होंगे।
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